माहौल बिगाड़ने की फिराक में खालिस्तानी संगठन! किसान आंदोलन पर खुफिया एजेंसियों की कड़ी निगरानी
By नितिन अग्रवाल | Published: February 18, 2021 03:06 PM2021-02-18T15:06:12+5:302021-02-18T15:14:09+5:30
किसान आंदोलन की आड़ में देश में माहौल खराब करने की साजिश रचे जाने की बातें सामने आई हैं. सूत्रों के मुताबिक खालिस्तान समर्थक दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में शामिल कुछ नेताओं को निशाना बना सकते हैं.
नई दिल्ली: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन की आड़ में देश में माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है. इस साजिश में खालिस्तान समर्थन वाले संगठन शामिल हैं. जिन पर केंद्रीय खुफिया एजेंसियां बारीकी से नजर रखे हुए हैं.
सूत्रों के अनुसार इस बारे में मिली जानकारियों के आधार पर रॉ और आईबी जैसी खुफिया एजेंसियों ने एक रिपोर्ट तैयार की है. इसमें कहा गया है कि विदेशों में बैठे खालिस्तान समर्थक दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे आंदोलन में शामिल कुछ नेताओं को निशाना बना सकते हैं.
केसीएफ के सदस्यों के साजिश में शामिल होने की आशंका
खासतौर पर ऐसे नेताओं के निशाने पर होने की आशंका जताई गई है जिन्होंने पंजाब से खालिस्तान आंदोलन के सफाए में बड़ी भूमिका निभाई थी. खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के यूके, बेल्जियम में बैठे संगठन के सदस्यों के इस साजिश में शामिल होने की बात कही जा रही है.
दरअसल केसीएफ हत्या के जरिए एक तीर से दो शिकार करने की फिराक में हैं. उसका मकसद अपना बदला लेने के साथ साथ देश में माहौल बिगाड़ने का भी है. उनकी योजना हत्या का आरोप सरकारी एजेंसियों या सत्ताधारी राजनीतिक दल के सिर मढ़कर राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की है. ऐसे माहौल में उन्हें एक बार फिर जड़े जमाने का मौका मिल सकता है.
संभावना जताई जा रही है कि भारत में कई अहम व्यक्तियों की हत्याओं में शामिल रहे केसीएफ के कई समर्थक ब्रिटेन, कनाडा, बेल्जियम और पाकिस्तान से पर्दे के पीछे से इसमें अहम भूमिका निभा रहे हैं.
विदेश में भी भारत के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश
भारतीय एजेंसियों ने ऐसे लगभग 400 ट्विटर हैंडलों की भी पहचान की है जिनके जरिए किसान आंदोलन की आग को लगातार भड़काने का काम किया गया. इतना ही नहीं विदेशों में भी भारत के खिलाफ माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है.
26 जनवरी को भी जब किसान लाल किले के आसपास इकट्ठे हुए तब खालिस्तानी अलगाववादी समूहों के सदस्यों ने इसी योजना के तहत वाशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास के बाहर धरना दिया.
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि वे नई दिल्ली में प्रदर्शनकारी किसानों का समर्थन करने के लिए इकट्ठे हुए थे. भीड़ में से कई ने खालिस्तान के झंडे लहराए और नारे भी लगाए.