नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली पहुंचने के लिए पंजाब व हरियाणा के किसान हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर तक पहुंच गए हैं। किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती दिल्ली प्रवेश करने वाले हर बॉर्डर पर की गई है।
इस बीच दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली पुलिस द्वारा राजधानी के स्टेडियम के अस्थाई जेल में बदलने की मांग को खारिज कर दिया है। सीएम केजरीवाल ने कहा कि किसानों की मांग जायज है। केंद्र सरकार को किसानों की मांग तुरंत माननी चाहिए।
अरविंद केजरीवाल सरकार ने कहा कि किसानों को जेल में डालना इसका समाधान नहीं है। इनका आंदोलन बिलकुल अहिंसक है। अहिंसक तरह से आंदोलन करना हर भारतीय का अधिकार है। इसके साथ ही दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि स्टेडियम को जेल में बदलने की दिल्ली पुलिस की मांग को हमारी सरकार नामंजूर करती है।
नोएडा की दिल्ली से लगी सीमाओं पर पुलिस बल तैनात
कृषि कानून के विरोध में हरियाणा व पंजाब के किसानों के शुक्रवार को दिल्ली में प्रस्तावित आंदोलन के मद्देनजर गौतम बुद्ध नगर की दिल्ली से सटी सभी सीमाओं पर एहतियात के तौर पर पुलिस की तैनात की गई है। नोएडा से दिल्ली जाने वाले सभी प्रवेश द्वारों पर शुक्रवार को यातायात सामान्य रूप से चल रहा है।
पुलिस उपायुक्त जोन प्रथम राजेश एस. ने बताया, ‘‘हरियाणा व पंजाब के किसान शुक्रवार को दिल्ली में आंदोलन करने जा रहे हैं। हमें सूचना थी कि किसान यमुना एक्सप्रेसवे तथा ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के रास्ते नोएडा से होते हुए दिल्ली में प्रवेश कर सकते हैं।’’
उन्होंने बताया कि इस सूचना के आधार पर नोएडा से दिल्ली जाने वाले सभी मार्गों पर एहतियात के तौर पर बृहस्पतिवार को भी बल की तैनात की गई थी तथा सघन जांच की गई थी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को भी सभी सीमाओं पर पुलिस तैनात की गई है, लेकिन वाहनों को रोका नहीं जा रहा है। वाहन को किसी तरह का संदेह होने पर ही रोका जा रहा है।
प्रियंका गांधी और पंजाब के सीएम ने भाजपा को किसान विरोधी बताया-
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वो किसानों से तुरंत बात करे और प्रदर्शन को रोके। अमरिंदर ने कहा कि किसानों की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है, सरकार तीन दिसंबर तक क्यों इंतजार कर रही है।
इसके साथ ही कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने किसानों की आवाज दबाने के लिए पानी बरसाया जा रहा है। सड़कें खोदकर रोकने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, सरकार उनको ये दिखाने और बताने के लिए तैयार नहीं है कि MSP का कानूनी हक होने की बात कहां लिखी है। एक देश, एक चुनाव की चिंता करने वाले प्रधानमंत्री जी को एक देश, एक व्यवहार भी लागू करना चाहिए।