MP: कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग करने वाली कंपनी 200 किसानों से पैसा बटोरकर फरार, प्रशासन ने नहीं की कोई कार्रवाई

By अनुराग आनंद | Published: February 11, 2021 10:30 AM2021-02-11T10:30:14+5:302021-02-11T10:34:04+5:30

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सैकड़ों किसान, जिन्होंने 2018 में सहजन की खेती के लिए एक अनुबंध किया था, कंपनी उन किसानों को धोखा देकर आराम से फरार हो गई।

farmers protest: 200 MP farmers say private firm cheated them with contract farming | MP: कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग करने वाली कंपनी 200 किसानों से पैसा बटोरकर फरार, प्रशासन ने नहीं की कोई कार्रवाई

बैतूल में किसानों को प्राइवेट कंपनियों ने दिया धोखा (फाइल फोटो)

Highlightsमध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सैकड़ों किसानों ने अपनी समस्या को सुनाते हुए कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को किसानों के साथ धोखा करार दिया है।तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के केंद्र में कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग का मुद्दा भी है।

भोपाल: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के बनाए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश के कई राज्यों के किसान दिल्ली में आंदोलन कर रहे हैं। किसान आंदोलन के नेताओं का कहना है कि सरकार खेती-किसानी में प्राइवेट कंपनी को बढ़ावा दे रही है, जो सही नहीं है। वहीं, सरकार का कहना है कि कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग से किसानों की आय बढ़ेगी।

इस बीच मध्य प्रदेश के बैतूल से एक मामला सामने आ रहा है कि यहां कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग करने आई कंपनी ने 200 भोले-भाले किसानों को अपना शिकार बना लिया। 

इंडिया टुडे के मुताबिक, कंपनी ने किसान को अधिक लाभ का लोभ दिया और 2018 में सहजन की खेती के लिए कॉन्ट्रैक्ट किया। अब किसानों को धोखा देकर कंपनी भाग गई और किसानों को केस तक दर्ज कराने में संघर्ष करना पड़ रहा है।

बैतूल जिले के सैकड़ों किसानों ने अपनी समस्या सुनाते हुए कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को धोखा बताया-

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के सैकड़ों किसानों ने अपनी समस्या को सुनाते हुए कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग को किसानों के साथ धोखा करार दिया है। किसानों का कहना है कि कोई कंपनी एक साथ सैकड़ों किसानों को धोखा देकर इतना आसानी से चली गई और केस तक नहीं दर्ज हुआ। किसानों का कहना है कि वह कई माह से कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।

तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के केंद्र में कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग का मुद्दा भी है। किसानों ने आशंका है कि यदि कृषि क्षेत्र में प्राइवेट कंपनी को अनुमति दी गई और कंपनी के साथ अनुबंध को मानने में किसानों ने इनकार कर दिया तो उन्हें नए कृषि कानून के तहत उनकी भूमि से बेदखल कर दिया जाएगा।

बैतूल जिले के एक किसान ने बताया कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग की सच्चाई-

मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के ग्राम भैसदेही गांव में पांच एकड़ जमीन के मालिक 30 वर्षीय नदीम खान के अनुसार, कंपनी की पहचान UWEGO Agri Solutions Private Limited के रूप में की गई थी, जिसे राज्य सरकार के बागवानी विभाग द्वारा किसानों के बीच लाया गया था।

किसान ने कहा कि मैंने राज्य सरकार के बागवानी विभाग की सिफारिशों पर भरोसा करके सितंबर 2018 में एक प्राइवेट कंपनी के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था। अनुबंध के अनुसार, मुझे हस्ताक्षर के समय प्रति एकड़ 20,000 रुपये का भुगतान करना था। मैंने अपनी दो एकड़ जमीन का पंजीकरण कराया और 40,000 रुपये जमा किए थे।

कंपनी ने दावा किया था वह हमें शुरू में बीज या पौधे और तकनीकी ज्ञान प्रदान करेगा और उपज होने के बाद फसल भी कंपनी ही खरीदकर ले जाएगी।

किसान का कहना है कि पैसा जमा करने के बाद उसे पौधे ही नहीं दिए गए और 17 सितंबर, 2019 को पहली बार किसान ने जिला कलेक्टर को मामले की सूचना दी। इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई और इसके बाद किसानों ने कई शिकायतें की हैं लेकिन कुछ भी नहीं हुआ है।

किसानों ने भरोसा करके कंपनी को पैसा तो दिया लेकिन उन्हें कुछ नहीं मिला-

नदीम इस क्षेत्र के 200 से अधिक किसानों में से एक हैं, जिसे कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग के नाम पर कंपनी ने ठगा है। ऐसे सैकड़ों किसान हैं जिन्होंने भरोसा करके पैसा तो दिया लेकिन उन्हें वापस पैसा नहीं मिला।

एक अन्य किसान ने मीडिया को बताया कि फसल के खरीद का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि ज्यादातर किसानों को पौधे नहीं मिले जबकि कुछ लोगों को पौधा मिला भी तो वह बच नहीं पाई।

Web Title: farmers protest: 200 MP farmers say private firm cheated them with contract farming

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