आधुनिक उपचार के बजाय प्राकृतिक चिकित्सा को तरजीह दे रहे सिंघू बॉर्डर पर डटे किसान

By भाषा | Updated: December 24, 2020 18:23 IST2020-12-24T18:23:34+5:302020-12-24T18:23:34+5:30

Farmers preferring natural treatment instead of modern treatment | आधुनिक उपचार के बजाय प्राकृतिक चिकित्सा को तरजीह दे रहे सिंघू बॉर्डर पर डटे किसान

आधुनिक उपचार के बजाय प्राकृतिक चिकित्सा को तरजीह दे रहे सिंघू बॉर्डर पर डटे किसान

(त्रिशा मुखर्जी)

नयी दिल्ली, 24 दिसंबर दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसान सिरदर्द, सर्दी, खांसी और जोड़ों में दर्द होने पर विभिन्न शिविरों में मुफ्त मिल रहीं गोलियों के बजाय डॉक्टर मोहम्मद सलीमुद्दीन के हाथ से बनाए चूरन का सेवन करने को तरजीह दे रहे हैं। सलीमुद्दीन का कहना है कि यह चूरन जड़ी-बूटियों का बना है।

भारतीय किसान समिति द्वारा लगाए गए शिविर में डॉक्टर सलीमुद्दीन की मेज पर डिब्बों का अंबार लगा हुआ है जिनमें चूरन, लेबल लगी हुई हल्दी, अश्वगंधा, काली मिर्च और मेथी के बीज समेत कई चीजें रखी हुई हैं।

डॉक्टर सलीमुद्दीन ने कहा, ''जोड़ों के दर्द के लिये वह हल्दी और अश्वगंधा के मिश्रण का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं जबकि काली मिर्च ठंड से बचाती है। लंबे समय तक इन जड़ी-बूटियों का इस्तेमाल करने से कोई भी बीमारी दूर हो जाती है।''

डॉक्टर सलीमुद्दीन ने बताया कि वह पिछले 20 साल के हैदराबाद में प्राकृतिक चिकित्सा की प्रैक्टिस कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, ''हम रोजाना 100-150 रोगियों को देखते हैं, जिनमें से अधिकतर सर्दी, सिरदर्द, बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर आते हैं। हमारे पास आने वाले ज्यादातर बुजुर्ग किसान हैं, जो ठंड के चलते घुटनों और पीठदर्द से परेशान हैं। ''

डॉक्टर से जब यह पूछा गया कि उन्हें क्यों लगता है कि किसान अन्य चिकित्सा शिविरों में दिये जा रहे आधुनिक उपचार के बजाय आपके पास आएं, तो एक मरीज ने तुरंत बोला, ''हम किसान हैं और किसी और के बजाय हमेशा 'देसी' इलाज पर भरोसा करते हैं। ''

गौरतलब है कि हजारों किसान केन्द्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर तीन सप्ताह से सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच अभी तक कोई सहमति नहीं बन पाई है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Farmers preferring natural treatment instead of modern treatment

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे