किसान संसद: किसानों ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा की

By भाषा | Updated: July 27, 2021 20:27 IST2021-07-27T20:27:03+5:302021-07-27T20:27:03+5:30

Farmers' Parliament: Farmers discuss the Essential Commodities (Amendment) Act | किसान संसद: किसानों ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा की

किसान संसद: किसानों ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा की

नयी दिल्ली, 27 जुलाई केंद्रीय कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों ने मंगलवार को जंतर मंतर पर अपनी ‘किसान संसद’ में तीन विवादास्पद कानूनों में से एक आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा की और कहा कि वे इसे निरस्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करेंगे।

अधिनियम पर चर्चा सोमवार को उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा की महिला किसानों द्वारा शुरू की गई, जिन्होंने उसी स्थान पर ‘किसान संसद’ आयोजित की थी। किसान संसद में हर दिन 200 किसान भाग ले रहे हैं, जो किसान समुदाय से संबंधित मुद्दों पर सरकार के साथ-साथ विपक्ष का ध्यान आकर्षित करने की उनकी रणनीति का एक हिस्सा है।

राष्ट्रीय राजधानी के कुछ हिस्सों में बारिश के बाद भारी यातायात और जलभराव के कारण मंगलवार की दोपहर लगभग 12 बजे 'किसान संसद' शुरू हुई।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 को तुरन्त निरस्त किये जाने की मांग की।

भारतीय किसान यूनियन के महासचिव युद्धवीर सिंह ने कहा, ‘‘कालाबाजारी को रोकने के लिए 1955 में आवश्यक वस्तु अधिनियम पारित किया गया था और तब से किसी ने संशोधन की मांग नहीं की है। देश का हर नागरिक किसानों के समर्थन में आवाज उठा रहा है।’’

एसकेएम के बयान में कहा गया है कि राज्य सरकारों को किसान यूनियनों के साथ चर्चा कर फसलों के लिए विपणन, परिवहन, भंडारण सुविधाओं और खाद्य प्रसंस्करण को मजबूत करना चाहिए और खाद्य वितरण प्रणाली में सुधार लाना चाहिए ताकि सभी लोगों के वास्ते बुनियादी खाद्य और पोषण सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बयान में कहा गया है, ‘‘भारत सरकार को एक नीति तैयार करनी चाहिए और ऐसी बुनियादी सुविधाओं और आधारभूत ढांचे की स्थापना करनी चाहिए जो यह सुनिश्चित करेगी कि किसान और उनके परिवार खाद्य उत्पादन, भंडारण, प्रसंस्करण और विपणन से कमाएं, न कि कॉर्पोरेट और बहुराष्ट्रीय कंपनियां।’’

मंगलवार को जंतर-मंतर पर पर्यवेक्षक के तौर पर पहुंचे किसान नेता रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा, ‘‘हम सोमवार को महिलाओं द्वारा शुरू किए गए आवश्यक वस्तु अधिनियम पर चर्चा जारी रखे हुए हैं। महिलाओं ने कानून को निरस्त करने की भी मांग की।’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम दिन के लिए किसान संसद का समापन करते हुए कानून को निरस्त करने के लिए एक प्रस्ताव पारित करने के लिए आशान्वित हैं। पीआर पांडियन, रणधीर सिंह धीरा, ऋषिपाल अंबावत, इंद्रजीत सिंह, जरनैल सिंह और हरमिंदर सिंह खैरा किसान संसद के तीन सत्रों के लिए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुने गए थे।’’

बंबई उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश कोलसे पाटिल, जो यहां 'किसान संसद' के सदस्य के रूप में आए थे, मंगलवार को जंतर-मंतर पर बोलने वाले पहले व्यक्ति थे। हालांकि, उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और बाद में वह किसान संसद से चले गये।

पंजाब, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और बिहार से प्रदर्शनकारी किसान संसद के सदस्यों के रूप में जंतर मंतर पर पहुंचे। जंतर मंतर संसद के निकट स्थित है और अभी संसद का मानसून सत्र चल रहा है।

गौरतलब है कि किसान तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त किये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले कुछ महीनों से आंदोलन कर रहे हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Farmers' Parliament: Farmers discuss the Essential Commodities (Amendment) Act

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे