करनाल में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में पंजाब में किसानों ने दो घंटे तक राजमार्ग अवरुद्ध किया

By भाषा | Published: August 29, 2021 09:26 PM2021-08-29T21:26:00+5:302021-08-29T21:26:00+5:30

Farmers block highway for two hours in Punjab to protest police lathi charge in Karnal | करनाल में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में पंजाब में किसानों ने दो घंटे तक राजमार्ग अवरुद्ध किया

करनाल में पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में पंजाब में किसानों ने दो घंटे तक राजमार्ग अवरुद्ध किया

पंजाब में किसानों ने हरियाणा के किसानों पर पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में रविवार को दो घंटे के लिए राजमार्ग अवरुद्ध कर दिया। हरियाणा सरकार ने पुलिस कार्रवाई का बचाव किया है। एक किसान संघ ने आरोप लगाया कि इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों पर की गई पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया गया था लेकिन पुलिसकर्मियों पर पथराव किया गया और एक राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया गया। हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट की उस टिप्पणी को रविवार को खारिज कर दिया, जिन्होंने पुलिस से करनाल में प्रदर्शन के दौरान किसानों के सिर ‘‘फोड़ने’’ के लिए कहा था और उन्होंने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया है। करनाल में पुलिस कार्रवाई के एक दिन बाद, एक किसान नेता ने पुलिस लाठीचार्ज में कथित रूप से घायल एक किसान की मौत का आरोप लगाया, लेकिन करनाल की पुलिस महानिरीक्षक ममता सिंह ने आरोप का खंडन करते हुए कहा कि उसकी प्राकृतिक कारणों से मृत्यु हुई है। विभिन्न किसान संगठनों के प्रति निष्ठा दिखाते हुए पंजाब में प्रदर्शनकारियों ने करनाल में किसानों पर ‘‘बल’’ का इस्तेमाल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली हरियाणा सरकार का पुतला फूंका। भाजपा की एक बैठक के विरोध में करनाल की तरफ जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात बाधित करने वाले किसानों के एक समूह पर शनिवार को पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किए जाने से करीब 10 लोग कथित रूप से घायल हो गए। पंजाब में दोपहर 12 बजे शुरू हुए दो घंटे के आंदोलन के कारण कई जगहों पर जाम में फंसे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। विरोध के कारण जालंधर-पठानकोट राजमार्ग, लुधियाना-चंडीगढ़ राजमार्ग, अमृतसर-गंगानगर राजमार्ग और फिरोजपुर-जीरा रोड पर कई जगहों पर वाहनों की आवाजाही बाधित रही। खट्टर ने करनाल में प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का रविवार को बचाव करते हुए कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पहले सरकार को आश्वासन दिया था कि उनका प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर उन्हें विरोध प्रदर्शन ही करना था तो उन्हें शांतिपूर्ण तरीके से करना चाहिए था, इस पर किसी को आपत्ति नहीं होती। पहले उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन का आश्वासन दिया था। लेकिन अगर वे पुलिस पर पथराव करेंगे, राजमार्ग अवरुद्ध करेंगे तो पुलिस कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम तो उठाएगी।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने भी करनाल में किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि यह हर भारतीय के मौलिक अधिकारों पर हमला है। सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘प्रदर्शनकारी किसानों पर निंदनीय हमला हर भारतीय के मौलिक अधिकारों पर हमला है...स्वतंत्रता संग्राम के दौरान असंख्य बलिदानों के बाद इसे हासिल किया गया है, यह संविधान की भावना को प्रभावित करता है और भारत के लोकतंत्र की रीढ़ को तोड़ता है।’’ इस बीच, हरियाणा बीकेयू (चढूनी) के प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी ने दावा किया कि करनाल में लाठीचार्ज में घायल होने के बाद एक किसान सुशील की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। करनाल की आईजीपी ममता सिंह ने हालांकि चढूनी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि मृतक किसान घायलों में नहीं था। उन्होंने कहा कि किसान ने शाम को अपने घर पर खाना खाया और सो गया था लेकिन सुबह वह मृत पाया गया। इस बीच चढूनी ने रविवार को कहा कि पुलिस लाठीचार्ज के जवाब में भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करने के लिए सोमवार को करनाल में किसान नेताओं की बैठक होगी। भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) नेता राकेश टिकैत ने भी करनाल के एक अस्पताल में कुछ घायल प्रदर्शनकारियों से मुलाकात की।करनाल में किसानों की हिंसा की निंदा करते हुए चौटाला ने ड्यूटी मजिस्ट्रेट 2018 बैच के आईएएस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई का वादा किया। चौटाला ने कहा, “आईएएस अधिकारी का वीडियो वायरल हो गया है। एक आईएएस अधिकारी द्वारा इस तरह की भाषा का प्रयोग निंदनीय है।” उन्होंने कहा, “निश्चित रूप से जो भी कार्रवाई उचित समझी जाएगी, सरकार वह करेगी।” हालांकि, उपमुख्यमंत्री ने करनाल में प्रदर्शन के दौरान पुलिस पर पथराव करने सहित किसानों की हिंसा की भी निंदा की। चौटाला ने पत्रकारों से पूछा, “क्या आप उस तरह की कार्रवाई का समर्थन करते हैं जो दूसरी तरफ से देखी गई थी?” उन्होंने कहा कि वह "घटनाओं से दुखी हैं।’’ उन्होंने किसान नेताओं के मकसद पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “मैं मीडिया के जरिए पूछना चाहता हूं कि वे 40 नेता कहां हैं।

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