नयी दिल्ली, एक मार्च दिल्ली की एक अदालत ने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान गणतंत्र दिवस पर हिंसा से जुड़े एक मामले में सोमवार को एक व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि उसे कोई विशिष्ट जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई थी।
अदालत ने कहा कि आरोपी ने वहां तैनात पुलिस कर्मियों को जान से मारने की कथित रूप से कोशिश नहीं की या उन्हें चोट नहीं पहुंचाई ।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने आशीष कुमार को 15 हजार रुपये के जमानती मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत दे दी।
अदालत ने कहा कि जमानत का आधार व्यक्ति के सर्वोपरि अधिकार को संतुलित करना है जो स्वतंत्रता का अधिकार है। जांच एजेंसी का अधिकार जांच करना है।
अदालत ने अपने आदेश में कहा, '' अभियोजन के 26 जनवरी 2021 के मामले के मुताबिक, आवेदक (आशीष) को दोपहर करीब 12.50 बजे चिंतामणि चौक से हिरासत में लिया गया जब ट्रैक्टर और कार में तकरीबन 500 प्रदर्शनकारी अप्सरा बॉर्डर फ्लाईओवर से आ रहे थे और उन्होंने हिंसक तरीके से बैरिकेड तोड़ दिए। ट्रैक्टर चला रहे लोगों ने पुलिस कर्मियों को कुचलने का प्रयास किया।“
अदालत ने कहा, “ आरोपी को कोई विशिष्ट जिम्मेदारी नहीं दी गई थी। आरोपी ने कानून एवं व्यवस्था की प्रबंधन की ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मियों को कथित रूप से जान से मारने की कोशिश नहीं की या चोट नहीं पहुंचाई। “
अदालत ने कहा कि अभियोजन का यह अच्छा मामला है कि आरोपी ने रैली/अवैध रूप से सभी में हिस्सा लिया जिस के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 149 के तहत सज़ा का प्रावधान है।
पुलिस के मुताबिक, आशीष 26 जनवरी को अवैध सभा का कथित रूप से हिस्सा था जो हिंसा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और पुलिस कर्मियों को ट्रैक्टरों से कुचलने की कोशिश में शामिल थी।
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