निजी दुश्मनी निकालने के लिए दुष्कर्म का झूठा आरोप नहीं लगाया जा सकता, सख्ती से निपटने की जरूरत : अदालत

By भाषा | Published: August 17, 2021 07:40 PM2021-08-17T19:40:25+5:302021-08-17T19:40:25+5:30

False allegation of rape cannot be made to create personal enmity, need to be dealt with strictly: Court | निजी दुश्मनी निकालने के लिए दुष्कर्म का झूठा आरोप नहीं लगाया जा सकता, सख्ती से निपटने की जरूरत : अदालत

निजी दुश्मनी निकालने के लिए दुष्कर्म का झूठा आरोप नहीं लगाया जा सकता, सख्ती से निपटने की जरूरत : अदालत

दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि निजी दुश्मनी निकालने के लिए छेड़-छाड़ और दुष्कर्म का झूठा आरोप नहीं लगाया जाना चाहिए और ऐसे मामलों से सख्ती से निपटने की जरूरत है। न्यायमूर्ति सु्ब्रमण्यम प्रसाद ने दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद प्राथमिकी रद्द करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि इससे न्यायिक समय के साथ पुलिस का भी जांच में समय बर्बाद होता है। दुष्कर्म का झूठा आरोप आरोपी का करियर और जिंदगी भी बर्बाद कर सकता है। न्यायाधीश ने 16 अगस्त को अपने आदेश में कहा , ‘‘दुष्कर्म के झूठे आरोप से आरोपी अपना सम्मान खो देता है। वह परिवार का समाना नहीं सकता और पूरी जिंदगी उसके बारे में धारणा बनी रहती है। आईपीसी की धारा-376 जैसे आरोप छोटी-मोटी बात होने पर केवल निजी दुश्मनी निकालने के लिए नहीं लगाए जा सके।’’ अदालत ने रेखांकित किया कि दुष्कर्म के झूठे मामलों की संख्या चिंताजनक स्तर पर बढ़ रही है और इन अपराधों में ‘केवल आरोपी को ही नुकसान होता है।’’ अदालत की राय थी कि ‘‘ दुष्कर्म के ऐसे झूठे आरोप लगाने वालों को ऐसे ही जाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।’’ न्यायाधीश ने टिप्पणी की, ‘‘ छेड़छाड़ और दुष्कर्म के झूठे दावे और आरोपों के साथ इन अपराधों की गंभीरता को देखते हुए सख्ती से निपटने की जरूरत है। ऐसे आरोप वादियों की ओर से इस उम्मीद से लगाए जाते हैं कि प्रतिवादी उनकी मांगों को शर्म और भय के चलते स्वीकार कर लेगा। अगर जबतक गलत करने वाले अपने कृत्यों का नतीजा नहीं भुगतेंगे तबतक ऐसे फर्जी आरोपों से जुड़े मुकदमों को रोकना मुश्किल होगा। अदालत ने कहा कि फर्जी आरोप लगाने की समस्या का काफी हद तक समाधान या कम किया जा सकता है अगर झूठा मुकदमा करने वाले पर भारी जुर्माना लगाया जाए। अदालत ने मौजूदा मामले में प्राथमिकी रद्द करने से इनकार करते हुए कहा कि वह आरोप के मेरिट पर टिप्पणी नहीं कर रही है। हालांकि, यह पाया जाता है कि आरोप सही नहीं है तो मुकदमा दर्ज कराने वाली और इसमें भूमिका निभाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

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Web Title: False allegation of rape cannot be made to create personal enmity, need to be dealt with strictly: Court

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