शाहजहांपुर में पुलिस पर धौंस जमाने वाला फर्जी आईएएस और उसका सहयोगी गिरफ्तार
By भाषा | Updated: September 10, 2021 17:00 IST2021-09-10T17:00:03+5:302021-09-10T17:00:03+5:30

शाहजहांपुर में पुलिस पर धौंस जमाने वाला फर्जी आईएएस और उसका सहयोगी गिरफ्तार
शाहजहांपुर (उप्र) 10 सितंबर मध्य प्रदेश का फर्जी अपर मुख्य सचिव बनकर दुष्कर्म के एक आरोपी की सिफारिश पुलिस अधीक्षक से करने के आरोपी को उसके सहयोगी संग जिले से गिरफ्तार किया गया है। शाहजहांपुर के जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि फर्जी आईएएस अधिकारी बनकर पुलिस पर धौंस जमाने और सिफारिश करने का आरोपी किरण पाल मूल रूप से बिहार का रहने वाला है जबकि उसका सहयोगी प्रवेश कश्यप जिले के ही जलालाबाद थाना क्षेत्र का रहने वाला है।
जिलाधिकारी के मुताबिक बृहस्पतिवार रात करीब नौ बजे जब पुलिस अधीक्षक एक बैठक में थे और उनका सरकारी मोबाइल उनके जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) के पास था, इसी बीच किसी व्यक्ति ने फोन करके कहा कि मैं मध्यप्रदेश का अपर मुख्य सचिव बोल रहा हूं और जलालाबाद थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति के बारे में बात करनी है।
उन्होंने बताया कि पीआरओ की सूचना पर पुलिस अधीक्षक ने वापस फोन किया तो उस व्यक्ति ने बताया कि मैं भोपाल से अपर मुख्य सचिव बोल रहा हूं और आपकी जलालाबाद थाने की पुलिस रोली बौरी गांव में रहने वाले राजीव तथा प्रवेश को परेशान ना करें, इसके बाद फोन कट गया।
शाहजहांपुर के पुलिस अधीक्षक एस आनंद ने बताया कि जिस नंबर से फोन आया था उसे सर्विलांस पर लगाया गया तो उसकी लोकेशन जलालाबाद में मिली। इसके बाद जलालाबाद थाना प्रभारी जसवीर सिंह को उसे तुरंत ही गिरफ्तार करने को कहा गया और पुलिस ने बृहस्पतिवार की देर रात आरोपी तथा उसके साथी को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने बताया कि फोन करने वाला फर्जी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी जिसकी सिफारिश कर रहा था वह दुराचार के मामले में वांछित है तथा पुलिस को सूचना मिली थी कि दुराचार का आरोपी गांव के ही एक व्यक्ति प्रवेश कश्यप के घर में छिपा हुआ है, इसलिए पुलिस पहले से ही गांव में गई थी।
पुलिस ने किरण पाल तथा कश्यप को गिरफ्तार कर सुसंगत धाराओं के तहत मामला दर्ज कर शुक्रवार को जेल भेज दिया जबकि राजीव पकड़ में नहीं आया।
जिलाधिकारी ने बताया,''आरोपी किरण पाल ने पूछताछ में बताया कि इससे पूर्व भी उसने कई जिलाधिकारियों को फोन करके सिफारिश की थी तथा उसने कुछ दिन पूर्व हमें भी फोन करके कहा था कि वह 1985 बैच का आईएएस अधिकारी है तथा वह भोपाल में कमिश्नर रह चुका है।
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