नई दिल्ली: मुख्यधारा की मीडिया में यह दावा किया जा रहा है कि नए साल से यूपीआई व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन महंगे हो जाएंगे। यह भी कहा जा रहा है कि यूपीआई के जरिए किसी को भुगतान करने पर ग्राहक को अतिरिक्त शुल्क देना हो सकता है।
यानी अगर कोई व्यक्ति थर्ड पार्टी ऐप का इस्तेमाल करके यूपीआई के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करता है तो उसको इसके लिए शुल्क चुकाना होगा। मुख्यधारा के इन खबरों का फैक्ट चेक सरकारी संस्था पीआईबी ने किया है।
जानें पीआईबी ने क्या कहा है?बता दें कि पीआईबी ने उस खबर को फर्जी बताया है जिसमें दावा किया जा रहा था कि नए साल से यूपीआई ट्रांजेक्शन महंगे हो जाएंगे और थर्ड पार्टी ऐप से पेमेंट करने पर अतिरिक्त चार्ज लगेंगे। पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि यह दावा गलत है। नैशनल पैमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है।
यूपीआई क्या हैयूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई एक रियल टाइम भुगतान प्रणाली है। यह मोबाइल प्लेटफॉर्म के माध्यम से बैंक अकाउंट में पैसे तुरंत ट्रांसफर कर सकता है। यूपीआई के माध्यम से आप एक बैंक अकाउंट को कई यूपीआई ऐप से लिंक कर सकते हैं।