बताएं कि गो रक्षकों को लोगों के घरों पर छापा मारने का क्या अधिकार है : अदालत ने हरियाणा सरकार से पूछा

By भाषा | Updated: May 5, 2021 19:37 IST2021-05-05T19:37:03+5:302021-05-05T19:37:03+5:30

Explain what right the cow guards have to raid the houses of the people: the court asked the Haryana government | बताएं कि गो रक्षकों को लोगों के घरों पर छापा मारने का क्या अधिकार है : अदालत ने हरियाणा सरकार से पूछा

बताएं कि गो रक्षकों को लोगों के घरों पर छापा मारने का क्या अधिकार है : अदालत ने हरियाणा सरकार से पूछा

चंडीगढ़, पांच मई पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने हरियाणा सरकार से स्पष्ट करने को कहा कि गो रक्षकों के पास लोगों के घरों पर छापा मारने का क्या अधिकार/शक्ति है, साथ ही कहा कि पहली नजर में ऐसी कार्रवाई गैरकानूनी है।

न्यायमूर्ति सुधीर मित्तल की एकल पीठ मुब्बी ऊर्फ मुबिन द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। गौरतलब है कि मार्च में गो रक्षकों के एक समूह ने नुह निवासी मुबिन के घर में घुसकर वहां एक गाय और बछड़ा बंधा हुआ देखा था, जिसके आधार पर पुलिस ने उसके खिलाफ मामला दर्ज किया।

न्यायाधीश ने अपने 30 अप्रैल के आदेश में कहा, ‘‘हरियाणा को निर्देश दिया जाता है कि वह अदालत को बताए कि गो रक्षकों के पास लोगों के घरों पर छापा मारने का क्या अधिकार है। ऐसी कार्रवाई पहली नजर में गैरकानूनी है और किसी भी व्यक्ति द्वारा कानून अपने हाथ में लिए जाने जैसा है। यह विधि के शासन के विरूद्ध है।’’

नूह जिले के ‘गऊ रक्षा दल’ ने उसके प्रमुख के नेतृत्व में मुबिन के घर पर छापा मारा था और वहां एक गाय और बछड़े को बंधा हुआ देखा। दल ने वहां से बूचड़खाने में प्रयुक्त होने वाले उपकरण बरामद करने का भी दावा किया।

लेकिन, मुबिन मौके से फरार हो गया और उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका।

पुलिस ने हरियाणा गऊवंश संरक्षण और गऊसंवर्धन कानून, 2015 तथा भारतीय दंड संहिता के तहत मुबिन के खिलाफ मामला दर्ज किया।

मुबिन के वकील ने याचिका में कहा है कि हरियाणा गऊवंश संरक्षण और गऊसंवर्धन कानून, 2015 का प्रावधान तीन गोहत्या को प्रतिबंधित करता है।

वकील ने कहा कि इस मामले के तथ्य गोहत्या नहीं दर्शाते हैं, ऐसे में प्रावधान-तीन लागू नहीं होता है।

वकील ने यह भी कहा कि कानून का प्रावधान-8 गोमांस की बिक्री पर रोक लगाता है, और वह भी यहां मान्य नहीं है क्योंकि अगर गोहत्या ही नहीं हुई तो गोमांस की बिक्री का सवाल ही नहीं पैदा होता।

मुबिन के वकील ने कहा कि स्थानीय ‘गऊ रक्षा दल’ और उसके जिला अध्यक्ष को याचिकाकर्ता के घर पर छापा मारने का कोई अधिकार नहीं था। वे सभी किसी के परिसर में जबरन प्रवेश करने के दोषी हैं।

अदालत ने मुबिन को 10 मई को जांच में शामिल होने और उसमें सहयोग करने का निर्देश दिया है।

अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी होने की सूरत में मुबिन को जांच अधिकारी या संबंधित एसएचओ के विवकानुसार अंतरिम जमानत को छोड़ दिया जाए।

अदालत ने मामले की अब 19 जुलाई को आगे सुनवाई करेगी।

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Web Title: Explain what right the cow guards have to raid the houses of the people: the court asked the Haryana government

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