Exit Polls: अगर कल कांग्रेस ने गाड़ा जीत का झंडा तो हो जाएगा साबित राहुल अकेले दे सकते हैं मोदी-शाह को टक्कर
By विकास कुमार | Updated: December 10, 2018 19:25 IST2018-12-10T19:19:22+5:302018-12-10T19:25:50+5:30
विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल के नतीजे अगर सही साबित होते हैं, तो राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस लोकसभा चुनाव से पहले मोदी और शाह की नेतृत्व वाली भाजपा को टक्कर देने के लिए पूरी तरह तैयार दिखेगी।

Exit Polls: अगर कल कांग्रेस ने गाड़ा जीत का झंडा तो हो जाएगा साबित राहुल अकेले दे सकते हैं मोदी-शाह को टक्कर
पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल से कांग्रेस में खुशी की लहर है। अगर ये एग्जिट पोल्स सही साबित हुए तो कांग्रेस और राहुल गांधी की झोली में कई राज्य आ सकते हैं। मध्य प्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आती हुई दिख रही है। छत्तीसगढ़ और मिजोरम में भी कांग्रेस सत्ता से चंद कदम दूर दिख रही है। तेलंगाना में भी कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर कर सामने आई है।
भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के बाद जितने भी चुनाव जीते, उसका श्रेय नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व को दिया। पंचायत चुनाव हो या नगर निगम का चुनाव भारतीय जनता पार्टी ने सभी चुनावी जीतों का श्रेय मोदी और शाह के नेतृत्व को ट्रांसफर कर दिया। और इसी वक्त भाजपा ने कांग्रेस के हार का ठीकरा राहुल गांधी के सिर पर डाला ताकि नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी के बीच तुलना कर देश के लोगों को मजबूत विकल्प चुनने का सब्जबाग दिखाया जा सके।
राहुल गांधी भी इस दौरान कांग्रेस को सता में स्थापित करने के लिए संघर्ष करते हुए दिखे। लेकिन जल्द ही उन्हें अपने हुनर को प्रदर्शित करने का मौका मिलने वाला था। गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान जिग्नेश मेवानी, अल्पेश ठाकोर और हार्दिक पटेल की तिकड़ी को एक साथ लाकर इन्होंने बीजेपी को बेचैन कर दिया। नतीजों में भले ही भाजपा जीत गई लेकिन राहुल गांधी के नेतृत्व का लोगों ने पहली बार लोहा माना। कांग्रेस को गुजरात चुनाव में 77 सीटें मिली थी।
कर्नाटक में राहुल का मैनेजमेंट
इसी साल कर्नाटक में हुए चुनाव में राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी को उसी के स्टाइल में मात दिया। भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी लेकिन जेडीएस के साथ गठबंधन कर राहुल ने भाजपा को ना सिर्फ सरकार बनाने से रोक दिया बल्कि फिर से कांग्रेस की सरकार बनाने में सफल हुए। और साथ ही में 2019 चुनाव के लिए एक नया सहयोगी भी खोज लिया। सबसे बड़ा सवाल यही है कि भाजपा के 'पप्पू प्रचार' के सामने राहुल गांधी की ये उपलब्धियां कहीं न कहीं दब के रह जाती है।
भाजपा को राहुल नाम का आसरा
राहुल गांधी ने कांग्रेस संगठन में जान फूंकने के लिए कई युवा नेताओं को तरजीह दी है। खुद भी मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर पहले से ज्यादा आक्रामक हो गए हैं। राफेल मुद्दे को उनके बार-बार उठाने के कारण मीडिया ने भी राफेल पर खूब चर्चा की। जिसके कारण कई मौकों पर मोदी सरकार के लिए जवाब देना मुश्किल हो गया।
विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल के नतीजों ने ये तय कर दिया है कि राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस, लोकसभा चुनाव में मोदी और शाह की नेतृत्व वाली भाजपा को टक्कर देने के लिए पूरी तरह तैयार है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छतीसगढ़ या मिजोरम में कांग्रेस के सरकार बनाने के कारण भाजपा नेतृत्व को भी सोच में डाल सकता है। क्योंकि भाजपा हर चुनाव को मोदी बनाम राहुल गांधी बनाने का भरसक प्रयास करती है।