आशीष दुबे.
अधिवक्ता निहलसिंह राठौड़ ने दावा किया है कि इजराइली सॉफ्टवेयर टेक्नॉलाजी के जरिए जिन 1400 लोगों के व्हाट्स एप्प व मोबाइल की जासूसी की गई उसमें 3 लोग नागपुर के व एक गढ़चिरौली जिले का है. उन्होंने केंद्र सरकार पर जासूसी कराने का आरोप लगाया है. फिलहाल वह यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि और कितने लोगों की निजता में सेंध लगाई गई है. यह भी दावा किया कि भीमा कोरेगांव केस में लाए गए सबूत भी इसी माध्यम से गडलिंग के कंप्यूटर में डाल दिया गया है. '
'लोकमत' के साथ बातचीत में अधिवक्ता राठौड़ ने बताया कि जिन चार लोगों की जासूसी की गई है उनमें उनके अलावा वीरा साथीदार, अधिवक्ता सुरेंद्र गडलिंग की पत्नी व अधिवक्ता जगदीश मेश्राम (गढ़चिरोली) का समावेश है. साथ ही कहा कि उन्होंने व्हाट्स एप्प व ई-मेल के जरिए अन्य कई लोगों को इस संबंध में सूचनाएं भेजी हैं. साथ ही कहा है कि यदि उनके साथ भी ऐसा हुआ हो तो उनसे संपर्क करें.
इसके अलावा कानूनी पहलुओं पर भी विचार किया जा रहा है ताकि सरकार के इस कदम के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जा सके. राठौड़ के मुताबिक भीमा-कोरेगांव की घटना के बाद से ही पत्रकार, समाजसेवी, अधिवक्ता आदि लोगों पर नजर रखी जा रही थी. सरकार ने उनके मोबाइल व व्हाट्स एप्प डाटा इजराइल की कंपनी के जरिए चुराया. सरकार का यह कदम आम नागरिक के निजता के अधिकारों का उल्लंघन है.
राठौड़ के मुताबिक विश्वभर में 1400 लोगों के साथ ऐसा हुआ है. इसमें भारत के कुल 24 लोगों का समावेश है. यह संख्या और भी बढ़ सकती है. इसकी जानकारी वे जुटा रहे हैं.