एक्सक्लूसिव: आखिर लोकपाल को मिला लुटियंस के बाहर ठिकाना, नियम निर्धारण के लिए मोदी सरकार से जारी है संघर्ष
By हरीश गुप्ता | Published: October 22, 2019 07:27 AM2019-10-22T07:27:53+5:302019-10-22T07:27:53+5:30
सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में हाल ही में कहा था कि वह लोकपाल के लिए नया भवन तलाश रही है.
सात माह इंतजार के बाद लोकपाल को एक अलग भवन मिल गया है. भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए बना यह पद और उसका कार्यालय इस दौरान फाइव स्टार होटल अशोक से संचालित हो रहा था. यह बात और है कि लोकपाल द्वारा आईटीडीसी के होटल अशोक को किसी भी किस्म के किराये का भुगतान नहीं किया जा रहा था.
इस बीच नियमों के निर्धारण के लिए लोकपाल का सरकार के साथ संघर्ष जारी है. कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने अभी तक लोकपाल के लिए नियमों का निर्धारण नहीं किया है, जिसके बूते वह शक्तिशाली और उच्चपदस्थ लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर सके.
केंद्र ने अभी लोकपाल में शिकायत के लिए आवेदन को लेकर अधिसूचना जारी नहीं की है. लोकपाल अब लुटियन की दिल्ली से बाहर वसंत कुंज में इंटरनेशनल सेंटर फॉर अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन में जा रहा है. विशाल परिसर वाले इस भवन की पहचान प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) द्वारा लंबी खोज के बाद की गई है.
सरकार ने एक आरटीआई के जवाब में हाल ही में कहा था कि वह लोकपाल के लिए नया भवन तलाश रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक सरकार ने नये भवन को अपने कब्जे में ले लिया है. इस बीच सरकार ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी दिलीप कुमार को लोकपाल कार्यालय में ओएसडी नियुक्त किया है. लोकपाल में किसी नौकरशाह की शायद यह पहली नियुक्ति है. 1995 के पंजाब कैडर के आईएएस कुमार, एनएचआरसी में जॉइंट सेक्रेटरी के पद पर कार्यरत थे.