आबकारी नीति: उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ई-निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा

By भाषा | Updated: July 20, 2021 19:25 IST2021-07-20T19:25:44+5:302021-07-20T19:25:44+5:30

Excise Policy: High Court seeks response from Delhi government on plea challenging e-tendering | आबकारी नीति: उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ई-निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा

आबकारी नीति: उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार से ई-निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब मांगा

नयी दिल्ली, 20 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने खुदरा शराब की बिक्री के लिये आमंत्रित ई-निविदा को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को दिल्ली सरकार से जवाब तलब किया। अदालत ने शराब की खुदरा बिक्री के लिए इलेक्ट्रॉनिक-निविदा के जरिए लाइसेंस प्रदान किए जाने के वास्ते तय किए गए मापदंडों को ''अधूरा'' बताते हुये दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया।

याचिका में राष्ट्रीय राजधानी में शराब की खुदरा बिक्री की दुकानों के लिए 32 लाइसेंस के लिए आमंत्रित ई-निविदा नोटिस की प्रक्रिया को चुनौती दी गई है।

न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने कहा, '' आप सबकुछ अनिश्चित्ता पर नहीं छोड़ सकते। अगर आप किसी व्यक्ति से अनुबंध करने की उम्मीद करते हैं तो उसे पता होना चाहिए कि इसमें उसे क्या मिलेगा। यह पूरी तरह मनमानी कवायद है। आप के मापदंड अधूरे हैं।''

अदालत ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी करते हुए ई-निविदा के नियम एवं शर्तों को चुनौती देने वाली याचिका पर उसे चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।

इस मामले में अगली सुनवाई 27 अगस्त को होगी। यह याचिका दिल्ली में शराब की खुदरा बिक्री करने वालो की तरफ से रॉबिन चौधरी ने दायर की है।

याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील राजीव नायर और संदीप सेठी ने दलील दी कि निविदा की शर्तें अनुचित हैं। साथ ही स्पष्ट किया कि वे नई आबकारी नीति को चुनौती नहीं दे रहे।

उन्होंने कहा कि बोली लगाने वाले को लाभ के हिस्से के बारे में जानकारी नहीं दी गई है। वकीलों ने कहा कि उन्हें थोक कीमत के बारे में पता है लेकिन यह साफ नहीं है कि उन्हें किस दाम पर शराब की बिक्री करनी होगी।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि नीति बहुस्तरीय संस्थागत निर्णय है और यह निविदा भी इसके तहत आती है।

दिल्ली सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और राहुल मेहरा ने दलील दी कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष भी इस नीति को चुनौती देने संबंधी इसी तरह की याचिकाएं लंबित हैं, जिन पर पीठ ने किसी तरह की अंतरिम राहत प्रदान नहीं की है।

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Web Title: Excise Policy: High Court seeks response from Delhi government on plea challenging e-tendering

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