जम्मू-कश्मीरः बेटे की मौत पर घर आया सेना का जवान, आतंकवादियों ने गोलियों से भूना
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 18, 2018 08:08 AM2018-09-18T08:08:57+5:302018-09-18T08:08:57+5:30
टेरिटोरियल आर्मी के जवान मुख्तार अपने बेटे के चौथे पर घर पहुंचे थे। तभी दो आतंकवादी उनके घर आ पहुंचे। घर में घूसते ही आतंकवादियों ने परिवार वालों से कहा कि हम पत्रकार हैं और हमें मुख्त्यार से कुछ पूछताछ करनी है।
श्रीनगर, 18 सितंबर: दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले में कुछ आतंकवादियों ने सेना के एक जवान को गोली मारकर हत्या कर दी। आतंकी जवान के घर में मीडियाकर्मी बनकर घर पहुंचे थे। बताया जा रहा है कि मुख्तार अपने बेटे की चौथे पर घर पहुंचा था। इससे पहले 15 सिंतबर को पहले मुख्त्यार के बेटे की बाइक एक्सीटेंड में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद इलाके में एक खौफ का महौल पैदा हो गया है।
पत्रकार बनकर आए आतंकी
अमर उजाला के मुताबिक टेरिटोरियल आर्मी के जवान मुख्तार अपने बेटे के चौथे पर घर पहुंचे थे। तभी दो आतंकवादी उनके घर आ पहुंचे। घर में घूसते ही आतंकवादियों ने परिवार वालों से कहा कि हम पत्रकार हैं और मुख्त्यार से कुछ पूछताछ करनी है। जवान मुख्त्यार अहमद मलिक बाहर निकला तभी आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद आतंकवादी निकलकर भाग गए। आनन-फानन में मुख्त्यार को अस्पताल लाया गया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस ने शुरू की जांच
इस घटना के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक आतंकवादियों की पहचना नहीं हो पाई है। बता दें कि यह घटना कुलगाम जिले के शुरट गांव में आतंकियों ने टीए की 162 बटालियन के जवान मुख्त्यार अहमद मलिक को उसके घर में घुसकर गोली मार दी। सुरक्षाबलों ने आस-पास इलाके में छानबीन शुरू कर दी है।
सेना से पहले था इख्वान कंमाडर
मीडिया रिपोट्स के मुताबिक मुख्त्यार सेना में भर्ती होने से पहले कमांडर भी रह चुका था। वह इलाके में मुख्त्यार गोला के नाम से मशहूर था। जवान को सेना की स्थानीय यूनिट के अधिकारियों ने उसके पैतृक कब्रिस्तान पर श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उसे दफ ना दिया गया।
जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने जताया शोक
दूसरी ओर पत्रकार बनकर आए आतंकियों को लेकर कुलगाम वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन ने बैठक कर इस पर विचार विमर्श किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष तनवीर अहमद ने बताया कि आजकल हर कोई मोबाइल से शूट करता है तो पता नहीं चल पाता कि असली कौन और नकली कौन। फैसला किया गया है कि सभी लोग अब प्रोफेशनल तरीके से कैमरा का इस्तेमाल कर शूट करेंगे। सभी को आई-कार्ड जारी किए जाएंगे।