जम्मू-कश्मीर में अब हर दूसरा आतंकी है कमांडर, नई भर्ती करना हो गया मुश्किल, ये है वजह 

By सुरेश डुग्गर | Updated: December 5, 2018 13:44 IST2018-12-05T13:44:48+5:302018-12-05T13:44:48+5:30

इस साल कश्मीर में अभी तक मारे गए 250 आतंकियों में आधे से अधिक कमांडर रैंक के ही आतंकी थे। यह बात अलग है कि उनमें से चौथाई पर ही इनाम इसलिए घोषित किए गए थे क्योंकि सुरक्षबलों के लिए वे चुनौती साबित हो रहे थे।

every second terrorist is a Commander and new recruitment has become difficult in Jammu and Kashmir | जम्मू-कश्मीर में अब हर दूसरा आतंकी है कमांडर, नई भर्ती करना हो गया मुश्किल, ये है वजह 

जम्मू-कश्मीर में अब हर दूसरा आतंकी है कमांडर, नई भर्ती करना हो गया मुश्किल, ये है वजह 

कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों के सफल ऑपरेशनों का एक पहलू यह है कि अब कश्मीर में सक्रिय हर दूसरा आतंकी कमांडर बनने लगा है। दरअसल, सीमा पार जाकर हथियारों की ट्रेनिंग लेने जाना मुश्किल होने और अभिभावकों की पुकार पर वापस लौटने वालों का सिलसिला तेज होना भी एक कारण है कि नई भर्ती मुश्किल होती जा रही है।

इस साल कश्मीर में अभी तक मारे गए 250 आतंकियों में आधे से अधिक कमांडर रैंक के ही आतंकी थे। यह बात अलग है कि उनमें से चौथाई पर ही इनाम इसलिए घोषित किए गए थे क्योंकि सुरक्षबलों के लिए वे चुनौती साबित हो रहे थे।

आतंकवाद के शुरूआती दौर में कश्मीर में आतंकी कमांडरों का मारा जाना बहुत बड़ी सफलता के साथ ही खुशी का कारण माना जाता था लेकिन अब प्रत्येक दूसरे आतंकी को कमांडर का रैंक दिए जाने के बाद अब यह खुशी सिर्फ इनामी कमांडरों के मारे जाने से ही मिल रही है।

इतना जरूर था कि इस साल अभी तक जो 250 आतंकी मारे गए हैं उनमें से सबसे ज्यादा नवम्बर महीने में मारे गए हैं। पिछले महीने मरने वाले आतंकियों की संख्या 42 थी। इससे पहले सबसे अधिक आतंकी क्रमशः अगस्त में 28, सितम्बर में 29 और अक्तूबर में 28 मारे गए थे।

इतना जरूर था कि इस साल अभी तक कश्मीर में मारे गए आतंकियों की संख्या पिछले साल 12 महीनों में मारे गए 218 आतंकियों से अधिक है तथा वर्ष 2010 के बाद सबसे अधिक है।

कश्मीर में मौतों के सिलसिले में सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि इस साल अभी तक कश्मीर में 418 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि अभी दिसम्बर के महीने के 26 दिन बाकी हैं। इस साल मारे गए 418 लोगों में 250 आतंकी, 90 सुरक्षाकर्मी तथा 78 नागरिक भी शामिल हैं।

जानकारी के लिए वर्ष 2008 में भी 90 सुरक्षाकर्मी मारे गए थे और वर्ष 2007 के बाद नागरिकों की मौत का आंकड़ा ढलान पर था। ऐसे में यह कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं है कि कश्मीर में हिंसा तेज हुई है और उसका ख्मियाजा सुरक्षाबलों के साथ-साथ नागरिकों को भी भुगतना पड़ रहा है।

Web Title: every second terrorist is a Commander and new recruitment has become difficult in Jammu and Kashmir

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