हर किरदार समुद्र की तरह हो होता है, जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे: नवाजुद्दीन

By भाषा | Published: November 17, 2020 07:11 PM2020-11-17T19:11:40+5:302020-11-17T19:11:40+5:30

Every character is like an ocean, the deeper you go, the better you will be able to do it: Nawazuddin | हर किरदार समुद्र की तरह हो होता है, जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे: नवाजुद्दीन

हर किरदार समुद्र की तरह हो होता है, जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे: नवाजुद्दीन

नयी दिल्ली, 17 नवंबर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी का कहना है कि अभिनय एक अंतहीन लेकिन दिलचस्प प्रक्रिया है जो हमें मानव अस्तित्व के नए आयामों को खोजने में मदद करता है। सिद्दीकी के लिए उनका हर किरदार समुद्र की तरह होता है । उन्होंने कहा‘‘ जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे।’’

नेटफ्लिक्स पर ‘रात अकेली है’ और ‘सीरियस मैन’ के साथ ही लगातार सफल फिल्में दे रहे सिद्दीकी ने कहा कि लॉकडाउन में वे फिल्मों के सेट पर होने को काफी मिस करते थे और यह लंबी छुट्टी जैसा लगने लगा था।

सिद्दीकी ने पीटीआई-भाषा को बताया, “एक अभिनेता के तौर पर हमें लोगों के बीच में रहना अच्छा लगता है। शुरु को दो महीने तो अच्चे गुजरे लेकिन चौथा महीना शुरु होने तक मैं लोगों को मिस करने लगा। इंसान दूसरे इंसान के बिना नहीं रह सकता।काम तो कभी ना कभी पटरी पर आ ही जाएगा लेकिन मैं आशा करता हूं कि लोग एक दूसरे की मदद करते रहें और आशावादी बने रहें।”

राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय(एनएसडी) से शिक्षाप्राप्त और ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’,‘लंचबॉक्स’, ‘बदलापुर’, ‘मंटो’ और ‘फोटोग्राफ’ जैसी समीक्षकों द्वारा बहुप्रशंसित फिल्मों के लिए मशहूर सिद्दीकी का कहना है कि उन्हें ‘रात अकेली है’ में हनी त्रेहान और ‘सीरियस मैन’ में सुधीर मिश्रा जैसे बेहतरीन निर्देशकों के साथ काम करने का मौका मिला।

1999 में फिल्म ‘सरफरोश’ में एक छोटे से किरदार से शुरुआत करने वाले सिद्दीकी ने कहा, “ मुझे हर किरदार में बहुत सारी संभावनाएं नजर आती हैं और मैं किरदार के द्वारा बहुत सारी बातें कहना चाहता हूं। हर किरदार समुद्र की तरह हो होता है, जितना गहरे आप जाएंगे आप उतना बेहतर कर पाएंगे। आप एक नई दुनिया से मुखातिब होते हो और यह पूरी प्रक्रिया मुझे बहुत आकर्षित करती है।”

अभिनेता ने कहा कि लॉकडाउन ने युवा पीढ़ी को विश्व सिनेमा से मुखातिब होने का मौका दिया है और उम्मीद है कि वे भारत के सिनेमा को बेहतर करने का प्रयास करेंगे।

उन्होंने कहा,‘‘अन्यथा, लोग ठेठ फार्मूला फिल्में देखते रहेंगे। लेकिन मुझे उम्मीद है कि जिन्होंने विश्व सिनेमा देखा है, वे बेहतर विकल्प स्थापित करेंगे।

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