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सीएम नीतीश कुमार को बोले प्रशांत किशोर- उत्तराधिकारी बनाएं या मेरे लिए कुर्सी करे खाली...आपके लिए काम नहीं करूंगा

By भाषा | Updated: October 6, 2022 08:10 IST

मामले में बोलते हुए प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि चाहे उन्हें उत्तराधिकारी बनाया जाए या उनके लिए सीएम खुद अपनी कुर्सी को खाली कर दें। वे उनके लिए काम नहीं करेंगे।

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ठळक मुद्देप्रशांत किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वो उन्हें कुछ भी लालच दें पर वे उनके साथ काम नहीं करेंगे।प्रशांत किशोर ने भी यह भी कहा कि जनता से वादा करने के बाद वे पीछे हटने वाले नहीं है।

पटना: चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तीखा हमला जारी रखते हुए बुधवार को कहा कि चाहे नीतीश कुमार उन्हें उत्तराधिकारी बनाएं या उनके लिए मुख्यमंत्री की कुर्सी छोड़ दें, लेकिन वह जदयू सुप्रीमो के लिए काम नहीं करेंगे। 

आपको बता दें कि किशोर ने मंगलवार को दावा किया था कि उन्होंने कुमार द्वारा जदयू का ‘‘नेतृत्व’’ करने के हालिया अनुरोध को ठुकरा दिया था। 

आप तो हमारे उत्तराधिकारी हैं, यह सब क्यों कर रहे हैं-प्रशांत को बोले सीएम नीतीश कुमार

प्रशांत किशोर ने ‘जन सुराज अभियान’ के तहत बिहार की अपनी 3500 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के तहत पश्चिम चंपारण जिले के जमुनिया गांव में एक सभा को संबोधित किया है। इस दौरान उन्होंने कहा है, ‘‘10-15 दिन पहले मीडिया में खबर आई थी। नीतीश जी अपने घर बुलाए थे और बोले, अरे भाई आप तो हमारे उत्तराधिकारी हैं, यह सब क्यों कर रहे हैं। आइए हमारे साथ, हमारे पार्टी के नेता बन जाइए। उनकी बात सुनी, बहुत लोगों ने हमें गाली लिखकर भेजी कि क्यों इनसे मिलने गए। 

चाहे उत्तराधिकारी बनाएं या फिर कुर्सी करें खाली...मैं नहीं आउंगा- प्रशांत किशोर 

सीएम नीतीश कुमार से मिलने क्यों गए थे, इस पर बोलते हुए प्रशांत किशोर ने कहा, "नीतीश जी से मिलने इसलिए गए थे कि मिलकर उनको ये बता सकें कि कितना भी बड़ा प्रलोभन दीजिएगा, जनता से एक बार जो वादा कर दिए हैं उससे पीछे नहीं हटेंगे। पीछे नहीं हटने वाले हैं, उत्तराधिकारी बनाएं या कुर्सी खाली कीजिए, उससे कोई मतलब नहीं।"

2018 में पार्टी में शामिल होने के बाद ही पार्टी से निकाल दिया था

आपको बता दें कि 45 साल के किशोर को सीएम नीतीश कुमार ने 2018 में जदयू में शामिल किया था और कुछ ही हफ्तों में उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर पदोन्नत कर दिया गया था। हालांकि, संशोधित नागरिकता अधिनियम (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) विवाद को लेकर कुमार के साथ तकरार के कारण उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। 

टॅग्स :प्रशांत किशोरजेडीयूबिहारनीतीश कुमार
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