गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- केंद्रीय अर्धसैनिक को सालाना 100 दिन परिवार के साथ रहने का मिले मौका, सरकार करेगी सुनिश्चित

By भाषा | Published: October 18, 2019 05:49 AM2019-10-18T05:49:28+5:302019-10-18T05:49:28+5:30

जब तैनाती का डाटा डिजिटल हो जाएगा तो बलों के मुख्यालयों को जवानों की तैनाती एवं स्थानांतरण करने में पारंपरिक कागजी फाइल प्रक्रिया के मुकाबले आसानी होगी।

Ensure jawans get to stay with family for 100 days annually says Amir Shah | गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- केंद्रीय अर्धसैनिक को सालाना 100 दिन परिवार के साथ रहने का मिले मौका, सरकार करेगी सुनिश्चित

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Highlightsगृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ)को कर्मियों के लिए व्यापक योजना बनाने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बलों के करीब सात लाख जवान साल में कम से कम 100 दिन परिवार के साथ बिताएं। पिछले महीने मंत्रालय में सीएपीएफ के कामकाज को लेकर शाह के समक्ष प्रस्तुति दी गई थी जिसके बाद उन्होंने इन बलों में जवानों की तैनाती का डिजिटलीकरण करने का निर्देश दिया।

गृहमंत्री अमित शाह ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ)को कर्मियों के लिए व्यापक योजना बनाने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बलों के करीब सात लाख जवान साल में कम से कम 100 दिन परिवार के साथ बिताएं। यह जानकारी अधिकारियों ने गुरुवार को दी। उन्होंने बताया कि पिछले महीने मंत्रालय में सीएपीएफ के कामकाज को लेकर शाह के समक्ष प्रस्तुति दी गई थी जिसके बाद उन्होंने इन बलों में जवानों की तैनाती का डिजिटलीकरण करने का निर्देश दिया।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और असम राइफल के प्रमुखों एवं महानिदेशकों को इस योजना को लागू करने को कहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इसका अभिप्राय यह है कि जवान नजदीकी यूनिट में तैनात होंगे और परिचालनात्मक अनिवार्यता नहीं होने पर अपने परिवार के साथ समय बिताने के लिए जा सकेंगे। इस आदेश के अनुपालन के लिए बलों के प्रमुखों से सीएपीएफ में अतिरिक्त जवानों की तैनाती का आकलन करने एवं रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है ताकि सीएपीएफ यूनिट का काम प्रभावित नहीं हो।

अधिकारी ने कहा कि जब तैनाती का डाटा डिजिटल हो जाएगा तो बलों के मुख्यालयों को जवानों की तैनाती एवं स्थानांतरण करने में पारंपरिक कागजी फाइल प्रक्रिया के मुकाबले आसानी होगी। उन्होंने कहा कि इससे स्थानांतरण और अपने घर के पास तैनाती को लेकर जवानों की बड़े पैमाने पर होने वाली शिकायत को भी दूर करने में मदद मिलेगी।

अधिकारी ने कहा कि बलों को यह प्रक्रिया पूरी करने के लिए दो महीने की समयसीमा की गई है। उल्लेखनीय है कि सीमा सुरक्षा बल के पूर्व प्रमुख केके शर्मा नेपिछले साल कहा था कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के जवानों को साल में औसतन ढाई महीने (करीब 75 दिन) ही परिवार के साथ रहने को मिलता है और अगर 30 साल का सेवाकाल माना जाए तो मात्र पांच साल ही वे नौकरी के दौरान परिवार के साथ बिताते हैं।

Web Title: Ensure jawans get to stay with family for 100 days annually says Amir Shah

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