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प्रवर्तन निदेशालय ने देशमुख के नागपुर, सहयोगियों के मुंबई स्थित परिसरों पर छापा मारा

By भाषा | Updated: June 25, 2021 22:31 IST

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नयी दिल्ली/मुंबई, 25 जून प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 100 करोड़ रुपये के रिश्वत के आरोपों पर धन शोधन के एक मामले की जांच के सिलसिले में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के नागपुर तथा उनके सहयोगियों के मुंबई स्थित परिसरों पर शुक्रवार को तलाशी ली। अधिकारियों ने इस बारे में बताया।

उन्होंने बताया कि धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत छापे मारे गए। देशमुख के नागपुर में जीपीओ चौक स्थित आवास और उनके निजी सहायक संजीव पलांडे और निजी सहायक कुंदन शिंदे के मुंबई स्थित परिसरों की तलाशी ली गयी।

सूत्रों के मुताबिक देशमुख (71) मुंबई में हैं और एजेंसी द्वारा वहीं उनसे पूछताछ करने की संभावना है। उन्होंने बताया कि पलांडे को पूछताछ के लिए दोपहर में मुंबई के बल्लार्ड इस्टेट इलाके में ईडी कार्यालय लाया गया।

बुधवार को एजेंसी ने मुंबई पुलिस के बर्खास्त अधिकारी सचिन वाजे से तलोजा जेल में पूछताछ की थी।

ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद देशमुख और कुछ अन्य के खिलाफ पिछले महीने धन-शोधन रोकथाम कानून के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर एक मामला दायर करने के बाद प्रारंभिक जांच की थी, जिसके बाद ईडी ने मामला दर्ज किया। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा देशमुख के खिलाफ लगाए रिश्वत के आरोपों की जांच के लिए कहा था।

अधिकारियों ने बताया कि तलाशी लेने वाले दल अतिरिक्त सबूत की तलाश कर रहे हैं, जो उनकी जांच में अहम हो सकते हैं। टीम ईडी के समक्ष करीब 10 बार संचालकों के दर्ज बयानों के आधार पर सबूत जुटाने का प्रयास कर रही है। इन बार संचालकों ने दावा किया था कि उन्होंने चार करोड़ रुपये की ‘‘रिश्वत’’ दी, जिसे पूर्व गृह मंत्री देशमुख को कथित तौर पर सौंपा गया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पीएमएलए के तहत एजेंसी ने उनके बयान दर्ज किए हैं और अतिरिक्त साक्ष्य जुटाने का प्रयास चल रहा है।

आरोपों के बाद अप्रैल में अपने पद से इस्तीफा देने वाले देशमुख ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है।

एजेंसी की जांच उस आरोप पर केंद्रित है कि महाराष्ट्र में पुलिसकर्मियों के तबादलों, नियुक्तियों में अवैध धन अर्जित किया गया और क्या पुलिसकर्मियों से अवैध वसूली की गई, जैसा सिंह ने अपनी शिकायत में दावा किया है।

ईडी के पास जांच के स्तर के दौरान आरोपियों की संपत्तियां कुर्क करने और मुकदमे के लिए पीएमएलए अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोप पत्र दायर करने की शक्तियां हैं। मुंबई में कारोबारी मुकेश अंबानी के घर के पास एक एसयूवी मिलने की जांच के दौरान पुलिसकर्मी सचिन वाजे की भूमिका सामने आने के बाद सिंह को पुलिस आयुक्त पद से हटा दिया गया था। इस एसयूवी में विस्फोटक सामग्री रखी मिली थी।

ईडी ने पिछले सप्ताह नागपुर में देशमुख के कथित सहयोगियों के परिसरों पर छापेमारी की थी।

पुलिस आयुक्त पद से हटाए जाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में सिंह ने आरोप लगाया था कि देखमुख ने वाजे से मुंबई के बार और रेस्त्रां से एक महीने में 100 करोड़ रुपये से अधिक वसूलने के लिए कहा था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) नेता देशमुख उस वक्त ठाकरे के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार में गृह मंत्री थे।

सीबीआई ने भी 21 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद पूर्व मंत्री के मुंबई तथा नागपुर में स्थित आवासों पर छापे मारे थे। उच्च न्यायालय ने इस मामले में देशमुख के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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