राजस्थानः इन शहरों में कचरे से बनाई जाएगी बिजली, जल्द शुरू होंगे प्लांट
By रामदीप मिश्रा | Updated: February 20, 2018 15:16 IST2018-02-20T15:16:06+5:302018-02-20T15:16:20+5:30
मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने विधायक बनवारी लाल सिंघल के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र किसी भी नगरीय निकाय में स्थापित नहीं है।

राजस्थानः इन शहरों में कचरे से बनाई जाएगी बिजली, जल्द शुरू होंगे प्लांट
जयपुर, 20 फरवरी: राजस्थान की विधानसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान विपक्ष की ओर से जमकर हंगामा बरपाया गया, जिसके बाद एक बजकर 18 मिनट पर सदन की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। इसके बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई तो कचरे के निस्तारण की व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए गए।
इसके जवाब में वसुंधरा सरकार की ओर से स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने जवाब देते हुए कहा कि जयपुर, जोधपुर और कोटा में कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र प्रस्तावित हैं।
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान इस संबंध में उठे मुद्दे के पूरक प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि जयपुर में 600 टीडीपी 7 एमडब्ल्यू और जोधपुर में 400 टीडीपी 3 एमडब्ल्यू क्षमता के कचरे से बिजली बनाए जाने के संयंत्र के लिए खुली निविदा आमंत्रित कर फर्म का चयन किया जा चुका है।
मंत्री कृपलानी ने कहा फर्म की ओर से बिजली की दरों के निर्धारण के लिए राज्य ऊर्जा विनामयक आयोग (आरईआरसी) में पिटीशन लगाई हुई है। ऊर्जा विभाग की ओर से प्रति यूनिट की दर निर्धारित होने पर फर्म द्वारा जयपुर और जोधपुर में कचरे से बिजली बनाए जाने का प्लान्ट लगाने की कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया जिस दिन प्लान्ट का कार्य शुरू किया जाएगा उसी तारीख के ठीक 18 महीने में बाद वह बनकर तैयार हो जाएगा। कोटा में कचरे से बिजली बनाए जाने के प्लान्ट के लिए दोबारा निविदा आमंत्रित की गई है और निविदा स्वीकृति की प्रक्रिया में है।
इससे पूर्व मंत्री श्रीचंद कृपलानी ने विधायक बनवारी लाल सिंघल के मूल प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में प्रदेश में कचरे से बिजली बनाने के संयंत्र किसी भी नगरीय निकाय में स्थापित नहीं है।