दुश्मनों का काल है विमान वाहक पोत विक्रांत, पाकिस्तान और चीन संभल जाओ, वर्ष 2021 में जलावतरण की संभावना
By भाषा | Published: January 8, 2020 07:56 PM2020-01-08T19:56:20+5:302020-01-08T19:56:20+5:30
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वर्ष 2021 की शुरुआत में पोत के जलावतरण की संभावना है। इस पोत का निर्माण कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड(सीएसएल) में किया जा रहा है। एक सूत्र ने पीटीआई भाषा को बताया, “इस समय विक्रांत का निर्माण कार्य तीसरे चरण में है और पोत में विद्युत उत्पादन और इंजन से जुड़े उपकरण लगाने का कार्य किया जा रहा है।
भारत के पहले विमान वाहक पोत विक्रांत का निर्माण कार्य तीसरे चरण में है और पोत में यंत्र और उपकरण लगाने का कार्य किया जा रहा है।
सूत्रों ने बुधवार को बताया कि वर्ष 2021 की शुरुआत में पोत के जलावतरण की संभावना है। इस पोत का निर्माण कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड(सीएसएल) में किया जा रहा है। एक सूत्र ने पीटीआई भाषा को बताया, “इस समय विक्रांत का निर्माण कार्य तीसरे चरण में है और पोत में विद्युत उत्पादन और इंजन से जुड़े उपकरण लगाने का कार्य किया जा रहा है।
वर्ष 2021 की शुरुआत में पोत के जलावतरण की संभावना है।” सूत्रों ने बताया कि निर्माण कार्य का तीसरा चरण बंदरगाह और समुद्री परीक्षणों की स्वीकृति के बाद पूरा होगा। उसके बाद पोत की विमानन जांच में लगभग एक वर्ष लगेगा।
नौसेना के चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने तीन दिसंबर को कहा था कि विक्रांत वर्ष 2022 तक पूरी तरह से जलावतरण के लिए तैयार होगा और उस पर एमआईजी-29के लड़ाकू विमानों का एक पूरा बेड़ा तैनात रहेगा। अधिकारी ने बताया कि गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर होने वाली औपचारिक परेड के दौरान नौसेना की झांकी में मिग-29के विमान के साथ भारत के पहले विमानवाहक पोत विक्रांत को शामिल किया जाएगा।