जेटली के मंत्रालय ने Jio इंस्टिट्यूट को बनने से पहले ही IoE का दर्जा देने पर जताया था एतराज, PMO ने दिया दखल तब हुआ अंतिम फैसला

By आदित्य द्विवेदी | Updated: August 29, 2018 15:36 IST2018-08-29T15:16:09+5:302018-08-29T15:36:00+5:30

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिए जाने से एक साल पहले ही आपत्ति जाहिर की थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'व्यय विभाग ने कहा था कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ये सही फैसला नहीं है।'

Eminence tag to non-existent Jio institute defies logic, clash between finance and HRD | जेटली के मंत्रालय ने Jio इंस्टिट्यूट को बनने से पहले ही IoE का दर्जा देने पर जताया था एतराज, PMO ने दिया दखल तब हुआ अंतिम फैसला

जेटली के मंत्रालय ने Jio इंस्टिट्यूट को बनने से पहले ही IoE का दर्जा देने पर जताया था एतराज, PMO ने दिया दखल तब हुआ अंतिम फैसला

नई दिल्ली, 29 अगस्तः रिलायंस ग्रुप के जियो इंस्टीट्यूट को 'उत्कृष्ट संस्थान' का का दर्जा दिए जाने का फैसला केंद्र सरकार के लिए गले की हड्डी बन गया है। इस मसले पर सरकार के ही दो मंत्रालय में मतभेद है। इंडियन एक्सप्रेस ने आरटीआई की मदद के खुलासा किया है कि वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से आपत्ति जाहिर की थी। व्यय विभाग ने कहा कि स्थापना से पहले ही उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा उन्हें अपनी ब्रांड वैल्यू सुधारने का मौका देगा। इससे उन्हें पहले से मौजूद सरकारी और निजी संस्थानों से ऊपर जगह मिल जाएगी।

वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस का दर्जा दिए जाने से एक साल पहले ही आपत्ति जाहिर की थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, 'व्यय विभाग ने कहा था कि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के लिए ये सही नहीं है। किसी संस्था को सिर्फ नेक इरादे के आधार पर ये दर्जा दिया जाना गलत है।' इससे पहले ऐसे संस्थान को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के मुद्दे पर एचआरडी मंत्रालय में विरोध के स्वर उठे थे।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा विभाग ने जुलाई 2016 में एक नोट जारी करके पूछा था कि क्या इंस्टीट्यूट ऑफ इमिनेंस रेगुलेशंस को लेकर जो ड्राफ्ट आया है वो सरकारी संस्थानों के प्रावधानों का उल्लंघन को नही हैं। इसके जवाब में सरकारी संस्थानों पर नजर रखने वाले विभाग ने कहा कि नए संस्थान पांच सालों में इस स्तर पर नहीं पहुंच सकते। इसलिए मौजूदा संस्थानों पर ध्यान केंद्रित किया जाना जाहिए।

इससे पहले एक रिपोर्ट में इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा था कि इस साल 9 जुलाई को जो इंस्टीट्यूट ऑफ एमिनेंस की रिपोर्ट जारी की गई थी उसमें पीएओ और एचआरडी मंत्रालय में काफी मतभेद थी। एचआरडी मंत्रालय ने शुरू में जो नियम बनाए थे उसके मुताबिक जियो इंस्टीट्यूट को उत्कृष्ट संस्थान का टैग मिलना मुश्किल था। लेकिन पीएओ के दखल के बाद नियमों में कुछ बदलाव किए गए।

क्या है जियो इंस्टीट्यूट

जियो इंस्टीट्यूट रिलायंस फाउंडेशन का एक संस्थान है। जिसका प्लान तैयार कर लिया गया है और अगले तीन सालों में इसे शुरू किया जा सकता है। सरकार ने ग्रीनफील्ड कैटेगरी के तहत उसे उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा दिया है। हालांकि अभी तक जियो इंस्टीट्यूट का कैंपस भी तैयार नहीं हुआ है और इसके स्थान के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। इसकी वेबसाइट और ट्विटर हैंडल भी नहीं है।

Web Title: Eminence tag to non-existent Jio institute defies logic, clash between finance and HRD

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे