Electoral Bonds: 1260 कंपनियों, लोगों ने 12,155.51 करोड़ रुपये के 22217 बॉन्ड खरीदे, तृणमूल ने कांग्रेस को पीछे धकेलते हुए भाजपा के बाद पाया सबसे अधिक धन
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 15, 2024 10:27 AM2024-03-15T10:27:00+5:302024-03-15T10:38:38+5:30
चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों से पता चलता है कि साल 2019 से साल 2024 के बीच में 1260 कंपनियों, लोगों ने 12,155.51 करोड़ रुपये के 22217 बॉन्ड खरीदे हैं।
नई दिल्ली: चुनाव आयोग ने एस्टोट बैंक ऑफ इंडिया से मिले चुनावी बॉन्ड के आंकड़ों को बीते गुरुवार को अपने आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किया है। जिसमें पता चला है कि साल 2019 से साल 2024 के बीच में 1260 कंपनियों, लोगों ने 12,155.51 करोड़ रुपये के 22217 बॉन्ड खरीदे हैं।
चुनावी बॉन्ड से सर्वाधिक फायदा केंद्र में सत्ता की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी को हुआ और उसके बाद आश्चर्यजनक रूप से देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस को पीछे धकेलते हुए तृणमूल ने भाजपा के बाद सबसे अधिक धन पाया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने कांग्रेस की तुलना में कहीं अधिक मूल्य के चुनावी बॉन्ड भुनाए हैं। वहीं चुनावी बॉन्ड के खेल में बाजी सत्ताधारी भाजपा के हाथ लगी है और वो धन लेने में नंबर वन पर है।
चुनावी बॉन्ड खरीदने वालों में कई कॉर्पोरेट घराने शामिल हैं लेकिन सबसे बड़े दानदाता के रूप में कोयंबटूर की फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड है। जिसने 12 अप्रैल 2019 और 24 जनवरी, 2024 के बीच 1,368 करोड़ रुपये का दान किया है।
चुनाव आयोग पर अपलोड किये गये दस्तावेज़ के मुताबिक साल 2019 से 2024 के बीच 1260 कंपनियों और लोगों से मिलने वाले 12,155.51 करोड़ रुपये के 22217 बॉन्ड को 23 राजनीतिक दलों ने भुनाया है। जिसमें भाजपा के खाते में सर्वाधिक 6061 करोड़ रुपये गये हैं। उसके बाद तृणमूल कांग्रेस की झोली में 1610 करोड़ रुपये आये हैं, वहीं मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के हिस्से में महज 1422 करोड़ रुपये आये हैं।
फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज के 1368 करोड़ रुपये के दान के बाद आंध्र प्रदेश स्थित मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने 891 करोड़ रुपया, क्विक सप्लाई चेन प्राइवेट लिमिटेड ने 410 करोड़ रुपया, वेदांता लिमिटेड ने 400 करोड़ रुपया और हल्दिया एनर्जी लिमिटेड ने 377 करोड़ रुपये का दान राजनीतिक दलों को दिया है।
दिग्गज स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल, भारती एयरटेल के सुनील भारती मित्तल, आईटीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, डीएलएफ, पीवीआर, बिड़ला, बजाज, जिंदल, स्पाइसजेट, इंडिगो और गोयनका ऐसे कुछ नाम हैं, जिन्होंने पार्टियों को दान दिया है।
सुनील मित्तल की तीन कंपनियों ने मिलकर कुल 246 करोड़ रुपये के बॉन्ड खरीदे हैं, वहीं लक्ष्मी निवास मित्तल ने व्यक्तिगत तौर पर 35 करोड़ मूल्य के बॉन्ड खरीदे हैं। कॉरपोर्ट घरानों और लोगों ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को चंदा देने के लिए 'अध्यक्ष अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी' और 'अध्यक्ष समाजवादी पार्टी' के नाम का इस्तेमाल किया है।
एसबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में पेशी के दौरान बताया था कि 22,217 चुनावी बॉन्ड में से 22030 को 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी के बीच भुनाया गया। चुनावी बांड के खरीदारों में स्पाइसजेट, इंडिगो, ग्रासिम इंडस्ट्रीज, मेघा इंजीनियरिंग, पीरामल एंटरप्राइजेज, टोरेंट पावर, भारती एयरटेल, डीएलएफ कमर्शियल डेवलपर्स, वेदांता लिमिटेड, अपोलो टायर्स, एडलवाइस, पीवीआर, केवेंटर, सुला वाइन, वेलस्पन, सन फार्मा, वर्धमान टेक्सटाइल्स, जिंदल ग्रुप, फिलिप्स कार्बन ब्लैक लिमिटेड, सीएट टायर्स, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, आईटीसी, केपी एंटरप्राइजेज, सिप्ला और अल्ट्राटेक सीमेंट शामिल हैं।
चुनावी बॉन्ड से भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक, बीआरएस, शिवसेना, टीडीपी, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके, जेडी-एस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, जेडीयू, राजद, आप, समाजवादी पार्टी, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, बीजेडी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी, सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा, जेएमएम, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट और जन सेना पार्टी जैसी पार्टियों को धन मिला है।
चुनावी बांड के माध्यम से दान देने वाले व्यक्तियों में किरण मजूमदार शॉ, वरुण गुप्ता, बीके गोयनका, जैनेंद्र शाह और मोनिका नामक एक व्यक्ति शामिल हैं। वहीं बजाज ऑटो ने 18 करोड़, बजाज फाइनेंस ने 20 करोड़, इंडिगो कंपनियों ने 36 करोड़, स्पाइसजेट ने 65 लाख और इंडिगो के राहुल भाटिया ने 20 करोड़ के चुनावी बॉन्ड खरीदे हैं।