Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट से खौफजदा एसबीआई आज समय सीमा समाप्त होने से पहले दे सकता है चुनावी चंदे की लिस्ट- रिपोर्ट
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 12, 2024 12:09 PM2024-03-12T12:09:27+5:302024-03-12T12:18:28+5:30
सुप्रीम कोर्ट से चुनावी बॉन्ड पर डांट खाने के बाद एसबीआई कथित तौर पर मंगलवार शाम तक अपने व्यावसायिक घंटों की कार्यवधि में चुनावी चंदे से संबंधित सारा विवरण चुनाव आयोग को देने की तैयारी कर रही है।
नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड को लेकर सुप्रीम कोर्ट से बीते सोमवार को बेहद तल्ख टिप्पणी सुनने के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) बेहद खौफजदा है। बताया जा रहा है कि एसबीआई कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंगलवार शाम तक व्यावसायिक घंटों की कार्यअवधि में चुनावी बॉन्ड से संबंधित सारा विवरण चुनाव आयोग को देने के लिए तैयार है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार बीते सोमवार को सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संवैधानिक बेंच ने एसबीआई को बेहद कड़ी फटकार लगाते हुए आदेश दिया था उसे मंगलवार शाम तक राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए चुनावी बॉन्ड का सारा विवरण चुनाव आयोग से साझा करना होगा।
इसके साथ ही कोर्ट ने देश के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक एसबीआई को सख्त चेतावनी दी थी कि अगर बैंक ने कोर्ट के दिये आदेश का अनुपालन दिये गये समय के भीतर नहीं किया तो अदालत एसबीआई के खिलाफ "जानबूझकर अवज्ञा" के लिए कार्रवाई कर सकती है।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता संविधान पीठ ने चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए दी गई समय सीमा को एसबीआई द्वारा 30 जून तक का बढ़ाने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिय और साथ ही चुनाव आयोग को भी आदेश दिया कि वो एसबीआई से मंगलवार शाम तक साझा की गई चुनावी बॉन्ड की जानकारी को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर किसी भी हाल में 15 मार्च शाम 5 बजे तक प्रकाशित करे।
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार एसबीआई कोर्ट के आदेश के बाद कहा कि उसके पास चुनावी बॉन्ड का डेटा तैयार है लेकिन उसमें किसी भी प्रकार की विसंगतियों से बचने के लिए डेटा की मैपिंग महत्वपूर्ण थी। बैंक ने कहा कि राजनीति दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिये धन देने वाले ग्राहक अब गुमनामी का दावा नहीं कर सकते क्योंकि उसके खुलासे का आदेश स्वयं सुप्रीम कोर्ट ने दिया है।
चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिये फैसले के अनुसार कोर्ट ने बीते 15 फरवरी को केंद्र की विवादास्पद चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक" कहते हुए रद्द कर दिया था, जिसने गुमनाम राजनीतिक फंडिंग की अनुमति दी गई थी। उसके साथ कोर्ट ने चुनाव आयोग को आदेश दिया था कि वो दानदाताओं की राशि को अपने आधिकारिक वेबसाइट पर 13 मार्च तक प्रकाशित करे।
इसके साथ कोर्ट ने एसबीआई के आदेश दिया था कि वो फौरन चुनावी बॉन्ड को बंद कर दे और 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बांड का विवरण 6 मार्च तक चुनाव आयोग को सौंपे। जिस आदेश पर एसबीआई ने एक याचिका दायर की और चुनावी बॉन्ड की जानकारी साझा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की अपील की थी।