जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद होंगे विस चुनाव

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: August 11, 2019 05:22 IST2019-08-11T05:22:50+5:302019-08-11T05:22:50+5:30

 जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में अभी कम से कम 4 महीने का वक्त लग सकता है. चुनाव आयोग पहले विधानसभा सीटों का परिसीमन करेगा और उसके बाद ही चुनाव की प्रक्रि या शुरू की जा सकेगी. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट, 2019 के मुताबिक सूबे में विधानसभा सीटों का परिसीमन जरूरी है

Elections will be held after delimitation in Jammu and Kashmir | जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद होंगे विस चुनाव

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन के बाद होंगे विस चुनाव

Highlights नए परिसीमन के तहत केंद्र शासित प्रदेश बनने वाले जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा की सीटों में अजा और अजजा को आरक्षण भी मिल सकेगाअब सीटों का आंकड़ा 111 की बजाय 107 करने की योजना है.

 जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों में अभी कम से कम 4 महीने का वक्त लग सकता है. चुनाव आयोग पहले विधानसभा सीटों का परिसीमन करेगा और उसके बाद ही चुनाव की प्रक्रि या शुरू की जा सकेगी. जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन एक्ट, 2019 के मुताबिक सूबे में विधानसभा सीटों का परिसीमन जरूरी है. नए परिसीमन के तहत केंद्र शासित प्रदेश बनने वाले जम्मू-कश्मीर में अब विधानसभा की सीटों में अजा और अजजा को आरक्षण भी मिल सकेगा.

हालांकि अब सीटों का आंकड़ा 111 की बजाय 107 करने की योजना है. अब तक इनमें से 24 सीटें पाक अधिकृत कश्मीर के लिए रिक्त रखी जाती थीं और अब भी यह सीटें खाली छोड़ी जाएंगी. इसका अर्थ यह है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए 83 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा.

चुनाव आयोग ने अभी औपचारिक तौर पर सीटों के परिसीमन को लेकर सरकार से कोई बातचीत नहीं की है. हालांकि सूत्रों का कहना है कि राज्य के मुख्य निर्वाचन आयुक्त जल्दी ही चुनाव आयोग से राज्य को लेकर पारित विधेयकों और परिसीमन के प्रस्ताव की जानकारी साझा करेंगे. माना जा रहा है कि केंद्र सरकार अक्तूबर-नवंबर में चुनाव कराने के पक्ष में नहीं है. जम्मू-कश्मीर की सुरक्ष व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कुछ देरी हो सकती है.

बॉक्स 31 अक्तूबर को होगा लद्दाख और जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन लद्दाख और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की तारीख 31 अक्तूबर, 2019 तय की गई है. इसी दिन देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती भी है. जम्मू-कश्मीर में परिसीमन से भाजपा की दशकों पुरानी मांग भी पूरी हो सकती है. भाजपा जम्मू में कुछ और सीटों की मांग करती रही है. शेख अब्दुल्ला के दौर में कश्मीर के लिए 43, जम्मू के लिए 30 और लद्दाख के लिए 2 सीटें तय की गई थी. 2011 की जनगणना के आंकड़ों के मुताबिक जम्मू की आबादी 53.78 लाख है, जबकि कश्मीर की जनसंख्या 68.9 लाख है.

Web Title: Elections will be held after delimitation in Jammu and Kashmir

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