चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने किया दावा, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हीं खंड-खंड हो जाएगा महागठबंधन

By एस पी सिन्हा | Published: February 21, 2023 08:27 PM2023-02-21T20:27:52+5:302023-02-21T20:30:30+5:30

पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना होगा। 2020 में मुख्यमंत्री बनने से मना किया था, लेकिन नीतीश बात नहीं मानें।

Election strategist Prashant Kishor claimed that the grand alliance will be fragmented even before the coming assembly elections | चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने किया दावा, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हीं खंड-खंड हो जाएगा महागठबंधन

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने किया दावा, आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले हीं खंड-खंड हो जाएगा महागठबंधन

Highlightsपीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना हैउन्होंने कहा, 2020 में मुख्यमंत्री बनने से मना किया था, लेकिन नीतीश बात नहीं मानेंमहागठबंधन पर बोलते हुए कहा- चुनाव तक ये दल एक साथ नहीं रहेंगे

पटना:बिहार में सत्तारूढ़ दल जदयू में मचे घमासान के बीच चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने महागठबंधन के अस्तित्व को लेकर दावा कर दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले खंड-खंड हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सात दलों का महागठबंधन चलना पूरी तरह से नामुमकिन है। तीन महीनों के भीतर ही खींचतान शुरू हो गई है। 

पीके ने कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना होगा। 2020 में मुख्यमंत्री बनने से मना किया था, लेकिन नीतीश बात नहीं मानें। बिना विधायकों की संख्या के मुख्यमंत्री बनिएगा तो अपमान तो सहना ही पड़ेगा।

बिहार में जन सुराज यात्रा पर निकले पीके ने कहा कि आज सात दलों को महागठबंधन है, लेकिन आने वाले चुनाव तक ये सातों दल एक साथ नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद कई गठबंधन कराए हैं और उसे सामने से देखा है। 

पीके ने कहा कि साल 2015 में नीतीश और तेजस्वी ने नहीं बल्कि खुद मैंने महागठबंधन बनाया था। सात दलों के महागठबंधन को एक साथ लेकर चलना पूरी तरह से नामुमकिन है। तीन महीने के भीतर ही खींचतान शुरू हो गई। उपेंद्र कुशवाहा ने जदयू छोड़ दी। महागठबंधन के दोनों प्रमुख दलों के बीच आए दिन विवाद हो रहे हैं। किसी भी हाल में ये व्यवस्था नहीं चल सकती है। 

वहीं किसान समागम में नीतीश को तेजस्वी द्वारा इंतजार करवाने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नीतीश कुमार ने खुद से गलत रास्ता चुना है। अगर कोई गलत रास्ता चुनेगा तो उसका खामियाजा उसे ही भुगतना होगा। बिना विधायकों की संख्या के मुख्यमंत्री बनिएगा तो अपमान तो सहना ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि 2020 के विधानसभा चुनाव में जब परिणाम आए तब ही इस बात को कहा था। 

पीके ने कहा कि उन्होंने नीतीश से कहा था कि अगर जनता ने आप पर विश्वास नहीं जताया है तो मुख्यमंत्री मत बनिए लेकिन महज 43 विधायक होने के बावजूद नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बन गए। नीतीश कुमार पहले कह रहे थे कि भाजपा के लोग उनकी पार्टी तोड़ रहे हैं, थोड़े दिन के बाद नीतीश कहेंगे कि राजद के लोग उनकी पार्टी को तोड़ रहे हैं।
 

Web Title: Election strategist Prashant Kishor claimed that the grand alliance will be fragmented even before the coming assembly elections

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