"चुनाव आयोग के फैसले ने लोकतंत्र की ताकत दिखाई", देवेंद्र फड़नवीस ने अजित पवार के गुट को 'असली' एनसीपी घोषित होने पर कहा
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 7, 2024 10:57 AM2024-02-07T10:57:28+5:302024-02-07T11:02:23+5:30
देवेंद्र फड़नवीस ने चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार खेमे को 'असली' एनसीपी घोषित करने के बाद कहा कि इस फैसले ने लोकतंत्र की ताकत को दिखाया है।
नागपुर: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फड़नवीस ने बीते मंगलवार को चुनाव आयोग द्वारा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार खेमे को 'असली' एनसीपी घोषित करने के बाद कहा कि इस फैसले ने लोकतंत्र की ताकत को दिखाया है।
समाचार वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फड़नवीस ने आयोग के फैसले से पहले कहा था कि उन्हें पूरा भरोसा है कि राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री अजित पवार को पार्टी का नाम 'एनसीपी' और चुनाव चिह्न जरूर मिलेगा।
देवेंद्र फड़नवीस ने आयोग के फैसले के बाद नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा, "यह एक अपेक्षित निर्णय था। हमें विश्वास था कि अजित पवार को एनसीपी का हक मिलेगा। उनके पास बहुमत है और पार्टी संगठन भी उनके साथ है। दोनों पक्षों का बहुमत उनके साथ लगता है। मैं अजित पवार को बधाई देता हूं। 2019 में जनादेश को तोड़ा गया और जनता के जनादेश को धोखा दिया गया लेकिन इस फैसले ने लोकतंत्र की ताकत दिखाई है।''
चुनाव आयोग ने मंगलवार को याचिकाकर्ता अजीत पवार के नेतृत्व वाले गुट के पक्ष में एनसीपी के भीतर विवाद का निपटारा कर दिया। चुनाव आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में अजित पवार गुट को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह दे दिया है, जिसका आगामी चुनावों पर असर पड़ेगा।
इसके साथ ही चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट को नई पार्टी के नाम के लिए तीन प्राथमिकताएं देने का विकल्प देने के लिए 7 फरवरी 2024 को दोपहर 3 बजे तक का समय दिया गया है। आयोग की ओर से यह फैसला छह महीने से अधिक समय तक चली सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया है।
चुनाव आयोग ने कहा कि यह निर्णय याचिका की स्थिरता के निर्धारित परीक्षणों के बाद लिया गया है, जिसमें पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी बहुमत का परीक्षण शामिल है।
अजित पवार ने आयोग के फैसले की सराहना करते हुए कहा, "मामला चुनाव आयोग के समक्ष था। एक अलग मामला विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष भी है। उस मामले में भी सुनवाई हुई है और हमें उम्मीद है कि जल्द ही फैसला हमारे साथ है। मैं आयोग के फैसले का स्वागत करता हूं।"
मालूम हो कि पिछले साल 2 जुलाई को शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने पार्टी तोड़ते हुए महाविकास अघाड़ी (एमवीए) छोड़ दिया और पांचवीं बार महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए खेमे में शामिल हो गए थे।
मौजूदा विधानसभा में एनसीपी का शरद पवार गुट विपक्षी खेमे में है, जिसमें अजित पवार आठ विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में चले गए थे।