उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत, चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र में विधान परिषद चुनाव कराने की इजाजत दी
By निखिल वर्मा | Published: May 1, 2020 11:09 AM2020-05-01T11:09:49+5:302020-05-01T11:24:49+5:30
उद्धव ठाकरे अभी राज्य में विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य नहीं हैं और उन्होंने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उन्हें 28 मई को छह महीने पूरे होने से पहले किसी सदन की सदस्यता लेनी होगी अन्यथा मुख्यमंत्री पद पर नहीं रह पाएंगे।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को बड़ी राहत मिली है। चुनाव आयोग ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए राज्य में विधान परिषद की खाली सीटों पर चुनाव कराने की इजाजत दी है। चुनाव आयोग ने पहले ही राज्यसभा चुनाव, उपचुनाव और निकाय चुनाव को महामारी के मद्देनजर स्थगित कर दिया है। इससे पहले महाराष्ट्र के मंत्रिमंडल ने नौ अप्रैल को सिफारिश की कि विधान परिषद में राज्यपाल की ओर से मनोनीत सदस्यों में ठाकरे को शामिल किया जाए।
महाराष्ट्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आज राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से करीब 20 मिनट की मुलाकात की थी। दो दिन पहले मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने खुद को विधान पार्षद मनोनीत करने को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले पर असमंजस के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था।
सूत्रों के अनुसार ठाकरे ने मोदी से फोन कर बताया कि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता पैदा करने की कोशिशें की जा रहीं हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य में राजनीतिक अस्थिरता ठीक नहीं है।
Election Commission of India (ECI) grants permission for holding elections to the Legislative Council (MLCs) in Maharashtra. The necessary guidelines will need to be ensured for safety against #COVID19 during the elections pic.twitter.com/teikSwVdyi
— ANI (@ANI) May 1, 2020
संविधान के अनुच्छेद 164(चार) में कहा गया है कि लगातार छह महीने तक मंत्री अगर किसी सदन के सदस्य नहीं रहते हैं तो उन्हें अवधि खत्म होने पर मंत्री पद छोड़ना होता है। विधायकों के कोटा से विधान परिषद की नौ सीटें 24 अप्रैल से रिक्त है और ठाकरे द्विवार्षिक चुनाव के दौरान एक सीट पर विधान पार्षद चुने जाने वाले थे। कोरोना वायरस के संक्रमण और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण चुनाव आयोग ने चुनाव स्थगित कर दिया था।
महाराष्ट्र विधान परिषद में कुल 78 सीटें हैं जिसमें राज्यपाल 12 लोगों को मनोनीत करते हैं। संविधान के अनुच्छेद 171 के तहत राज्यपाल विशेष ज्ञान या साहित्य, विज्ञान, कला, सहकारी आंदोलन या समाज सेवा में व्यवहारिक अनुभव रखने वाले को सदन के सदस्य के तौर पर नामित कर सकते हैं। महाराष्ट्र में राज्यपाल के कोटे से अभी दो सीटें खाली है।