तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान और निकोबार में बढ़ी SIR की समयसीमा, चुनाव आयोग का बड़ा फैसला
By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 11, 2025 17:23 IST2025-12-11T16:26:57+5:302025-12-11T17:23:59+5:30
तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान एवं निकोबार में मतदाता सूची के एसआईआर (SIR) का कार्यक्रम संशोधित कर दिया गया है।

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नई दिल्लीः चुनाव आयोग ने छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईआर (SIR) के लिए समयसीमा बढ़ा दी है। मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के अनुरोधों के बाद चुनाव आयोग ने तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के लिए संशोधित एसआईआर अनुसूची जारी की। तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और अंडमान एवं निकोबार में मतदाता सूची के एसआईआर (SIR) का कार्यक्रम संशोधित कर दिया गया है।
Election Commission extends timeline for SIR in six states and Union territories.
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2025
EC issues revised SIR schedule for Tamil Nadu, Gujarat, MP, Chhattisgarh, UP and Andaman and Nicobar Islands following requests from CEOs. pic.twitter.com/JOAmdd5dvq
— Press Trust of India (@PTI_News) December 11, 2025
संशोधित एसआईआर तिथियां:
-तमिलनाडु: संशोधित मतदाता सूची 14.12.2025 (रविवार) तक और प्रकाशन तिथि 19.12.2025 (शुक्रवार)
-गुजरात: संशोधित मतदाता सूची 14.12.2025 (रविवार) तक और प्रकाशन तिथि 19.12.2025 (शुक्रवार)
-मध्य प्रदेश: संशोधित मतदाता सूची 18.12.2025 तक और प्रकाशन तिथि 23.12.2025 (मंगलवार)
-छत्तीसगढ़: संशोधित मतदाता सूची 18.12.2025 (गुरुवार) तक और प्रकाशन तिथि 23.12.2025 (मंगलवार)
- अंडमान और निकोबार: संशोधित मतदाता सूची 18.12.2025 (गुरुवार) तक और प्रकाशन तिथि 23.12.2025 (मंगलवार)
- उत्तर प्रदेश: संशोधित मतदाता सूची 26.12.2025 (शुक्रवार) तक और प्रकाशन तिथि 31.12.2025 (बुधवार)।
चुनाव आयोग ने बताया कि गोवा, गुजरात, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल के लिए मतगणना अवधि गुरुवार, 11 दिसंबर को समाप्त हो जाएगी, जबकि इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए मतदाता सूची का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। केरल में पहले संशोधन किया गया था और केरल के लिए अवधि 18.12.2025 को समाप्त होगी। सूची का मसौदा 23.12.2025 को प्रकाशित किया जाएगा।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी पात्र मतदाता छूट न जाए, नए मतदाताओं को फॉर्म 6 और घोषणा पत्र भरकर बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) को जमा करने या ईसीआईएनईटी ऐप या वेबसाइट का उपयोग करके ऑनलाइन फॉर्म और घोषणा पत्र भरने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि उनका नाम अंतिम मतदाता सूची में शामिल किया जा सके, जो फरवरी 2026 में प्रकाशित की जाएगी।
निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की समयसीमा बढ़ा दी। संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के अनुरोध पर यह कदम उठाया गया है। एक बयान के मुताबिक, निर्वाचन आयोग ने तमिलनाडु, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह और उत्तर प्रदेश में एसआईआर के लिए संशोधित कार्यक्रम जारी किया। इन छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के लिए गणना प्रपत्र की अवधि बृहस्पतिवार को समाप्त होनी थी और मतदाता सूचियों का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जाना था।
बयान में कहा गया है कि तमिलनाडु और गुजरात के लिए एसआईआर प्रक्रिया की अवधि 14 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 19 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के लिए ये अवधि 18 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 23 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा।
इसी तरह, उत्तर प्रदेश के लिए एसआईआर की अवधि 26 दिसंबर तक बढ़ा दी गई है और मतदाता सूची का मसौदा 31 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। बयान के अनुसार, गोवा, पुडुचेरी, लक्षद्वीप, राजस्थान और पश्चिम बंगाल में एसआईआर बृहस्पतिवार को समाप्त हो जाएगी और मतदाता सूची का मसौदा 16 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। केरल के लिए कार्यक्रम में पहले संशोधन किया गया था। राज्य में एसआईआर 18 दिसंबर को समाप्त होगी और मतदाता सूची का मसौदा 23 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा।
निर्वाचन आयोग को ‘वोट चोरी करने’ का हथियार बना रही है भाजपा: राहुल
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) निर्वाचन आयोग को ‘‘वोट चोरी करने’’ का हथियार बना रही है। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भारत की जनता ये तीन बहुत ज़रूरी और सीधे सवाल पूछ रही है। प्रधान न्यायाधीश को निर्वाचन आयोग से संबंधित चयन समिति से क्यों हटाया?
2024 चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग को लगभग पूरी कानूनी सुरक्षा क्यों दी? सीसीटीवी फुटेज 45 दिन में नष्ट करने की इतनी जल्दबाज़ी क्यों?’’ उन्होंने आरोप लगाया कि जवाब एक ही है कि निर्वाचन आयोग को वोट चोरी करने का औज़ार बनाया जा रहा है।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि भारतीय जनता पार्टी ‘वोट चोरी’ के कृत्य को अंजाम देकर ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ (भारत की अवधारणा) नष्ट कर रही है। उन्होंने लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान 2023 के निर्वाचन कानून का उल्लेख करते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा था कि कांग्रेस की सरकार बनने पर इस कानून में ‘‘पूर्वव्यापी प्रभाव’’ से संशोधन किया जाएगा तथा चुनाव आयुक्तों को कठघरे में लिया जाएगा। उनका यह भी कहना था कि 2023 के इस कानून को बदलने की जरूरत है क्योंकि यह निर्वाचन आयुक्तों को ‘‘यह ताकत देता है कि वे जो चाहें करें’’।
उन्होंने कहा था कि इसकी चयन समिति से प्रधान न्यायाधीश को बाहर रखा गया है। ‘मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा-शर्तें और कार्यकाल) अधिनियम, 2023’ के तहत तीन सदस्यीय चयन समिति में प्रधानमंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और एक कैबिनेट मंत्री शामिल होते हैं।