चिराग पासवान की पार्टी का नाम अब होगा लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास), हेलिकॉप्टर रहेगा चुनाव चिन्ह, चुनाव आयोग का फैसला
By विनीत कुमार | Published: October 5, 2021 12:24 PM2021-10-05T12:24:08+5:302021-10-05T13:27:09+5:30
लोजपा में दो गुटों के बीच चल रहे विवाद के बीच चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति पारस गुट के लिए अलग पार्टी नाम और चुनाव चिह्न आवंटित कर दिए हैं।
नई दिल्ली: चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच विवाद के बाद अब चुनाव आयोग ने दोनों गुट के लिए अलग पार्टी नाम और चुनाव चिह्न आवंटित कर दिया है। इसके अनुसार चिराग पासवान की पार्टी का नाम लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) होगा। साथ ही पार्टी का चुनाव चिह्न अब हेलिकॉप्टर होगा। दूसरी ओर पशुपति कुमार पारस के गुट को 'राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी' नाम दिया गया है। 'राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी' का चुनाव चिह्न सिलाई मशीन होगा।
Election Commission (EC) allots the name 'Lok Janshakti Party (Ram Vilas) and election symbol 'Helicopter' to Chirag Paswan. Pashupati Kumar Paras allotted the name 'Rashtriya Lok Janshakti Party and 'Sewing Machine' as election symbol by EC. pic.twitter.com/OGFwyX6ZIy
— ANI (@ANI) October 5, 2021
इससे पहले दो अक्टूबर को चुनाव आयोग ने चिराग पासवान और पशुपति कुमार पारस धड़ों द्वारा लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नाम या उसके चिह्न 'बंगले' का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी थी।
बता दें कि पिछले साल लोजपा नेता रामविलास पासवान के निधन के बाद उनके बेटे चिराग पासवान और दिवंगत नेता के भाई पारस ने पार्टी नेतृत्व पर दावा पेश किया था और इस संबंध में चुनाव आयोग से संपर्क किया था। इसके बाद पार्टी में विवाद की बात सामने आई थी। लोजपा की स्थापना रामविलास पासवान ने साल 2000 में की थी।
बिहार में महीने के आखिर में होने हैं उपचुनाव
बिहार में कुशेश्वर स्थान और तारापुर विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव 30 अक्टूबर को होना है। इसे देखते हुए दोनों गुट अपने दावे कर रहे थे। इस पर आयोग ने शनिवार को कहा था कि दोनों धड़े बिहार में आने वाले दिनों में दो विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में अपने उम्मीदवारों को उतारने के वास्ते उपलब्ध चिह्नों का उपयोग कर सकते हैं।
इस उपचुनाव के लिए नामांकन की तारीख 1 अक्टूबर से शुरू हुई थी और 8 अक्टूबर को बंद होगी। दोनों गुट को निर्देश दिया गया था कि वे सोमवार 4 अक्टूबर को दोपहर एक बजे तक अपने गुट के अलग नाम और चुनाव चिह्न की जानकारी दें।