मुंबई: महाराष्ट्र की पल-पल बदलती सियासत के बीच एक बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है। जानकारी के अनुसार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इस समय तीन दिवसीय महाराष्ट्र यात्रा पर हैं और प्रोटोकल के अनुसार मुख्यमंत्री एकनाथ शिंद को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की चंद्रपुर में अगवानी करनी थी।
इस संबंध में मिली सूचना के अनुसार मुख्यमंत्री शिंदे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस एक साथ एक ही चंद्रपुर पहुंचे थे और उनके साथ रामटेक से निर्दलीय विधायक आशीष जायसवाल भी पहुंचे थे। खबरों के मुताबिक इस कार्यक्रम में न केवल मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री फड़नवीस बल्कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार को भी साथ में रहना था लेकिन अजित पवार राष्ट्रपति के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे।
लेकिन इस घटना में आश्चर्यजनक मोड़ तब आया, जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राष्ट्रपति मुर्मू की अगवानी किये बिना और उनके कार्यक्रम में शामिल हुए बिना अचानक अपना कार्यक्रम रद्द कर वापस मुंबई आ गये। खबरों के अनुसार यह वाकया बीते मंगलवार का है। बताया जा रहा है कि सीएम शिंदे ने अजित पवार प्रकरण के चलते अपना दौरा रद्द किया।
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री की जगह उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत किया। हालांकि सीएम शिंदे की अचानक मुंबई वापसी के संबंध में कोई स्पष्ट कारण सामने नहीं आया है, जिसके कारण सूबे के सियायी गलियारों में तरह-तरह के अफवाहों का बाजार गर्म है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी तीन दिवसीय महाराष्ट्र दौरे पर सबसे पहले गढ़चिरौली में गोंडवाना विद्यापीठ के दीक्षांत समारोह को संबोधित करेंगी और साथ ही अन्य कार्यक्रमों में भाग लेंगी। इसके अलावा राष्ट्रपति मुर्मू नागपुर के कोराडी स्थित विद्या भवन के सांस्कृतिक केंद्र के लोकार्पण समारोह में भी हिस्सा लेने वाली हैं।
मालूम हो कि बीते रविवार को अजित पवार ने अपने चाचा और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बगावत करते हुए राजभवन पहुंचे और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली। अजित पवार दावा कर रहे हैं कि उनके साथ एनसीपी के 40-45 विधायक उनके साथ हैं। हालांकि अजित पवार के साथ एनसीपी के महज 8 विधायकों ने शिंदे-फडणवीस गुट का रूख किया है।