असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए आठ दुर्लभ ‘पिग्मी हॉग’
By भाषा | Updated: June 23, 2021 19:20 IST2021-06-23T19:20:59+5:302021-06-23T19:20:59+5:30

असम के मानस राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए आठ दुर्लभ ‘पिग्मी हॉग’
गुवाहाटी, 23 जून मानस राष्ट्रीय उद्यान की ऊंची घास के बीच विश्व के सबसे छोटे और दुर्लभ जंगली सूअरों की प्रजाति ‘पिग्मी हॉग’ को नया जीवन मिल सकता है क्योंकि एक प्रयोग के तहत इन पशुओं को कैद कर प्रजनन कराया जाता है और बाद में वन में छोड़ दिया जाता है।
पिछले साल शुरू किए गए कार्यक्रम के तहत कैद में पैदा हुए आठ पिग्मी हॉग को मंगलवार को मानस उद्यान में छोड़ दिया गया। वन अधिकारियों ने बताया कि पिग्मी हॉग संरक्षण कार्यक्रम (पीएचसीपी) के तहत 25 जून को चार और पशुओं को छोड़ा जाएगा।
एक समय में नेपाल, हिमालय के दक्षिण में स्थित भारतीय इलाकों और भूटान में पिग्मी हॉग बहुतायत में पाए जाते थे लेकिन अब इस प्रजाति के केवल करीब 250 सदस्य ही बचे हैं। ब्रिटेन के ‘डरेल वन्यजीव संरक्षण’ परियोजना के सहयोग से चल रहे कार्यक्रम के जरिये इन लुप्तप्राय जीवों को नया जीवन मिलने की उम्मीद है।
इनके बच्चे आकार में इतने छोटे होते हैं कि पैंट की जेब में समा जाएं। पीएचसीपी परियोजना निदेशक डॉ पराग ज्योति डेका ने बुधवार को कहा कि 14 पिग्मी हॉग को पिछले साल सफलतापूर्वक छोड़ा गया था।
डेका ने बताया कि पीएचसीपी को 1995 में शुरू किया गया था और तब से पिग्मी हॉग को लुप्त होने से बचाने के प्रयास जारी हैं। यह जीव, हिमालय के दक्षिण में स्थित पारिस्थितिकी तंत्र में स्थित मानस राष्ट्रीय उद्यान में ही पाए जाते हैं और इनकी ऊंचाई लगभग 10 इंच और वजन छह से नौ किलोग्राम के बीच होता है।
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