ईद-उल-अजहाः राष्ट्रपति कोविंद और वेंकैया नायडू ने दी शुभकामनाएं, घर पर ही सादगी से पर्व मनाएं
By भाषा | Published: July 31, 2020 09:49 PM2020-07-31T21:49:40+5:302020-07-31T21:49:40+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बांग्लादेश PM शेख हसीना को ईद-उल-अजहा की बधाई दी। PM हसीना को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा, "मैं इस अवसर पर आपके और बांग्लादेशी के सभी भाइयों और बहनों के अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना करता हूं।"
नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ईद-उल-अजहा की पूर्व संध्या पर सभी देशवासियों को शभकामनाएं दीं और उनसे कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सभी नियमों और दिशा-निर्देशों के पालन करने की अपील की।
राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा, ‘‘ “ईद-उल-जुहा के अवसर पर मैं सभी देशवासियों, विशेषकर मुस्लिम भाइयों और बहनों को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।’’ उन्होंने कहा कि ईद-उल-जुहा का त्योहार आपसी भाईचारे और त्याग की भावना का प्रतीक है तथा लोगों की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।
कोविंद ने कहा, ‘‘ आइए, हम सब कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए सभी नियमों और दिशा-निर्देशों के पालन के संकल्प को दोहराएं। इसके साथ, इस त्योहार पर, खुशियों को साझा करें और परस्पर सौहार्द को बढ़ावा दें।”
उपराष्ट्रपति ने ईद-उल-अजहा पर लोगों को शुभकामनाएं दी
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को लोगों को ईद-उल-अजहा की शुभकामनाएं दी और कोविड-19 महामारी के बीच उनसे घर पर ही सादगी से पर्व मनाने को कहा। त्योहार की पूर्व संध्या पर अपने संदेश में उपराष्ट्रपति ने कहा कि ईद-उल-अजहा ईश्वर के प्रति असीम भक्ति और असीम करुणा दिखाने तथा सर्वशक्तिमान की रचना के प्रति प्यार जताने का उत्सव है।
उन्होंने कहा, ‘‘त्योहार हमें सहानुभूति रखने, त्याग करने और शांति तथा भाईचारे को बढ़ावा देने का संदेश देता है। ’’ नायडू ने कहा कि चूंकि भारत और दुनिया कोविड-19 महामारी से लड़ रही है इसलिए हमें अपने सभी पारंपरिक त्योहार घर पर ही और सादगीपूर्ण तरीके से मनाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी परिस्थितियों में हमें सादगी से ही पर्व मनाना होगा और सभी उत्सवों पर मास्क पहनकर, सामाजिक दूरी का कड़ाई से पालन करना होगा और निजी सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।’’
हज यात्रा और ईद त्योहार पर कोरोना वायरस का असर
हज यात्रा और ईद-उल-अजहा (बकरीद) त्योहार पर इस वर्ष कोरोना वायरस का बहुत प्रभाव पड़ा है। सऊदी अरब में मक्का की वार्षिक हजयात्रा का समापन चार दिवसीय ईद अल-अजहा की चार दिन की छुट्टी के साथ होता है, जिसमें मुसलमान पशुओं की कुर्बानी देते हैं और गरीबों को मांस वितरित करते हैं।
महामारी ने दुनियाभर के लाखों लोगों को गरीबी के कगार पर धकेल दिया है, जिससे कई लोगों के लिए कुबार्नी करना कठिन हो गया है। सोमालिया में मांस के दाम बढ़ गये है। मोगादिशु में एक कर्मचारी अब्दिशकुर दाहिर ने कहा कि काम पर वायरस के प्रभाव के कारण पहली बार है कि वह ईद के लिए बकरा नहीं खरीद पायेंगे। आइवरी कोस्ट में एक पशुओं के एक व्यापारी, ओउमार माईगा ने कहा, ‘‘कोरोना वायरस द्वारा स्थिति वास्तव में जटिल है, बाजार में स्थिति बहुत कठिन है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम उस स्थिति में हैं जो हमने अन्य वर्षों में कभी नहीं देखी है।’’ हज यात्रा पर भी वायरस का काफी प्रभाव पड़ा है। पिछले वर्ष 25 लाख तीर्थयात्रियों ने इसमें भाग लिया था लेकिन इस वर्ष केवल सऊदी अरब में रह रहे तकरीबन एक हजार लोगों को ही हज यात्रा की अनुमति दी गई।
सऊदी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि हज के दौरान कोविड-19 बीमारी का कोई मामला नहीं है। सरकार ने वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाये हैं। दुनियाभर में ईद के मौके पर मुस्लिम लोग रिश्तेदारों के साथ एकत्र होते हैं।
कोसोवो और संयुक्त अरब अमीरात जैसे कुछ देशों में वायरस को फैलने से रोकने के लिए ईद की नमाज के लिए मस्जिदों को बंद किया गया है। इंडोनेशिया में लोगों को कड़े स्वास्थ्य दिशा-निर्देशों के साथ मस्जिदों में ईद की नमाज में शामिल होने की अनुमति दी गई है। लोगों को मास्क पहनना अनिवार्य होगा और उन्हें हाथ मिलाने या गले मिलने की अनुमति नहीं होगी।