शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के दूरदराज के गांवों में APAAR को लॉन्च किया, जानें छात्रों के लिए कितनी जरूरी है यह सेवा

By रुस्तम राणा | Published: February 9, 2024 04:56 PM2024-02-09T16:56:31+5:302024-02-09T16:58:55+5:30

शिक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एपीएएआर की अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत की गई है, जो सभी कॉलेज/विश्वविद्यालय जाने वाले छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) पर पंजीकरण कराना अनिवार्य करती है।

Education Ministry launches APAAR in remote villages across the country, know how important this service is for students | शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के दूरदराज के गांवों में APAAR को लॉन्च किया, जानें छात्रों के लिए कितनी जरूरी है यह सेवा

शिक्षा मंत्रालय ने देश भर के दूरदराज के गांवों में APAAR को लॉन्च किया, जानें छात्रों के लिए कितनी जरूरी है यह सेवा

Highlightsशिक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एपीएएआर की अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत की गई हैजो छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) पर पंजीकरण कराना अनिवार्य करती हैइस डिजिटल क्रेडिट बैंक में छात्रों द्वारा प्राप्त किये गये सभी अंक/क्रेडिट संग्रहीत किये जायेंगे

नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने हाल ही में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता रजिस्ट्री (एपीएएआर) लॉन्च किया है। शिक्षा मंत्रालय की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, एपीएएआर की अवधारणा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत की गई है, जो सभी कॉलेज/विश्वविद्यालय जाने वाले छात्रों को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) पर पंजीकरण कराना अनिवार्य करती है।

एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट क्या है?

मंत्रालय के मुताबिक, एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट एक डिजिटल स्टोरेज की तरह है जहां छात्र इसका लाभ उठा सकते हैं। इस डिजिटल क्रेडिट बैंक में छात्रों द्वारा प्राप्त किये गये सभी अंक/क्रेडिट संग्रहीत किये जायेंगे। यहां छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी भी संग्रहीत की जाती है।

एबीसी आईडी की सहायता से छात्रों के लिए स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए संस्थानों में प्रवेश लेना आसान हो जाएगा क्योंकि छात्र और प्राप्त क्रेडिट के बारे में सभी आवश्यक जानकारी आईडी के माध्यम से उपलब्ध होगी।

स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग के सचिव संजय कुमार ने कहा, "देश में डिजिटल सेवाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है और सीएससी के माध्यम से स्कूली शिक्षा में डिजिटल सेवाओं का अधिकतम लाभ उठाया जा सकता है।"

प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव के संजय मूर्ति ने इस बात पर जोर दिया कि एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट की स्थापना नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी (एनएडी) की तर्ज पर की गई है। उन्होंने कहा, हालांकि एबीसी छात्रों को पंजीकरण करने या क्रेडिट ट्रांसफर शुरू करने में सक्षम बनाता है, क्रेडिट मोचन और प्रमाण पत्र जारी करने के साथ-साथ पुरस्कार रिकॉर्ड के संकलन का प्रबंधन अकादमिक संस्थानों द्वारा किया जाता है।

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, “एपीएएआर आईडी जीवन भर बच्चों के पास रहेगी। विद्यार्थी भविष्य में विभिन्न परीक्षाओं में उत्तीर्ण होकर क्रेडिट भी प्राप्त कर सकेंगे। छात्रों को कहीं भी प्रमाणपत्र देने की आवश्यकता नहीं होगी और केवल APAAR आईडी देना ही पर्याप्त होगा।”

Web Title: Education Ministry launches APAAR in remote villages across the country, know how important this service is for students

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