ईडी का आरोप, अनिल देशमुख ने परिजनों के साथ मिलकर 10.42 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि जमा की
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: January 31, 2022 10:02 PM2022-01-31T22:02:28+5:302022-01-31T22:07:26+5:30
ईडी की जांच में पता चला है कि अनिल देशमुख ने साल 2011 से दिल्ली के जैन बंधुओं की फर्जी कंपनियों के जरिये 10.42 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी को ट्रस्ट में दान के रूप में दिखाया।
मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके परिजनों ने दिल्ली की एक फर्जी कंपनी के जरिये लगभग 10.42 करोड़ रुपये की अवैध धनराशि बनाई। ईडी ने यह बात विशेष पीएमएलए कोर्ट में दायर की गई अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कही है।
इस मामले में सुनवाई करते हुए विशेष पीएमएलए जज राहुल रोकाडे ने कहा कि एजेंसी की जांच में यह तथ्य सामने आये हैं कि 2011 से अनिल देशमुख ने दिल्ली के जैन बंधुओं की फर्जी कंपनियों के जरिये शैक्षिक ट्रस्ट में 10.42 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी को दान के रूप में स्वीकार किया।
इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि इडी की जांच बता रही है कि देशमुख ने दिसंबर 2020 से फरवरी 2021 तक मुंबई के ऑर्केस्ट्रा और बार मालिकों से बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे के माध्यम से 4.70 करोड़ की वसूली करवाई।
ईडी की सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कोर्ट को बताया गया है कि पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने अपने बेटे हृषिकेश देशमुख के साथ मिलकर हवाला के जरिये जैन बंधुओं यानी सुरेंद्र कुमार जैन और वीरेंद्र कुमार जैन की मदद से देशमुख परिवार द्वारा संचालित श्री साईं शिक्षण संस्थान को दान की शक्ल में नागपुर के बैंक खाते में फरवरी और मार्च 2021 में 1.71 करोड़ जमा किये गये।
विशेष कोर्ट के जज राहुल रोकाडे ने आगे कहा कि हृषिकेश देशमुख ने पिता अनिल देशमुख के द्वारा मुंबई के बार मालिकों से वसूले गये 1.71 करोड़ रुपये को श्री साईं शिक्षण संस्थान में दान के रूप में पेश किया।
मालूम हो कि ईडी ने 29 दिसंबर 2021 को दाखिल सप्लीमेंट्री चार्जशीट में महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके बेटों के अलावा उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट भाविक पंजवानी सहित कुल आठ फजी कंपनियों को आरोपी बनाया है।
अनिल देशमुख को ईडी ने कई घंटों तक चली पूछताछ के बाद 2 नवंबर 2021 को गिरफ्तार किया था। देशमुख के अलावा एजेंसी ने इस मामले में उनके निजी सचिव कुंदन शिंदे और निजी सहायक संजीव पलांडे को भी गिरफ्तार किया था।