ऑक्सीजन सांद्रक जमाखोरी मामले में ईडी ने नवनीत कालरा, अन्य के परिसरों पर छापे मारे

By भाषा | Updated: May 21, 2021 15:19 IST2021-05-21T15:19:44+5:302021-05-21T15:19:44+5:30

ED raids premises of Navneet Kalra, others in oxygen concentrator hoarding case | ऑक्सीजन सांद्रक जमाखोरी मामले में ईडी ने नवनीत कालरा, अन्य के परिसरों पर छापे मारे

ऑक्सीजन सांद्रक जमाखोरी मामले में ईडी ने नवनीत कालरा, अन्य के परिसरों पर छापे मारे

नयी दिल्ली, 21 मई प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑक्सीजन सांद्रकों की कथित जमाखोरी तथा कालाबाजारी के हालिया मामले में कारोबारी नवनीत कालरा और उनके कुछ साथियों के, दिल्ली-एनसीआर में कम से कम 10 परिसरों पर शुक्रवार को छापेमारी की।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 10 स्थानों पर छापेमारी की जा रही है।

उन्होंने बताया कि छापेमारी का मकसद मामले में अतिरिक्त सबूत एकत्रित करना है।

ईडी ने हाल ही में कालरा और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोधी कानून के तहत मामला दर्ज किया था। इसके लिए उसने पांच मई को दर्ज दिल्ली पुलिस की प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था जब कुछ पुलिसकर्मियों ने कालरा के स्वामित्व वाले एवं उनसे जुड़े कुछ परिसरों एवं रेस्तरां में छापे मारे थे।

पुलिस ने इन परिसरों से 524 से अधिक जीवनरक्षक मशीनें जब्त किए थे और यह आरोप लगाया था कि इनकी जमाखोरी की गई और इन्हें काला बाजार में बेचा जा रहा था।

कालरा ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि इन सांद्रकों को नियमित बिक्री के लिए रखा गया था।

यहां की एक स्थानीय अदालत ने बृहस्पतिवार को उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

अधिकारियों ने इससे पहले पीटीआई-भाषा को बताया कि एजेंसी इस बात की जांच करेगी कि क्या ऑक्सीजन सांद्रक अवैध रूप से जमा किए गए थे और कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के परिवारों या उनके तीमारदारों को बहुत ज्यादा कीमतों पर बेचे गए थे जो पीएमएलए के तहत परिभाषित “अपराध से प्राप्त सामग्रियों” के दायरे में आएगा।

प्रवर्तन निदेशालय को आरोपी से पूछताछ और बयान रिकॉर्ड करने की शक्ति प्राप्त होती है और वह जांच के दौरान उनकी संपत्ति तक भी कुर्क कर सकता है। इसके बाद वह विशेष पीएमएलए अदालत के समक्ष आरोप-पत्र दायर कर सकता है और धनशोधन रोधी कानून के तहत अपना अभियोजन चलाने का अनुरोध कर सकता है।

कालरा को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के कर्मियों ने गुड़गांव से रविवार रात को पकड़ा था और अगले दिन औपचारिक रूप से गिरफ्तार किया था।

वह खान चाचा, टाउन हॉल और नेगा एंड जू जैसे अपने रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन सांद्रकों की जब्ती के बाद से एक हफ्ते से फरार चल रहा था।

पुलिस ने कहा था कि कालरा के रेस्तरां से जब्द सांद्रक चीन से आयातित थे और उन्हें 16 हजार से 22 हजार रुपये के बजाय 50 हजार से 60 हजार की कीमत पर बेचा जा रहा था।

ऑक्सीजन सांद्रक कोविड-19 मरीजों के इलाज में महत्वपूर्ण उपकरण माने जाते हैं और संक्रमण की दूसरी लहर में इनकी भारी मांग है।

पुलिस ने कालरा और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक षड्यंत्र) और 34 (सामान्य इरादे) के तहत तथा आवश्यक सामग्री अधिनियम और महामारी रोग कानून के तहत आरोप लगाए हैं।

पुलिस ने इस मामले में मैट्रिक्स सेलुलर कंपनी के सीईओ और उपाध्यक्ष समेत चार कर्मचारियों को भी गिरफ्तार किया है।

हालांकि, अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है।

कालरा पर मैट्रिक्स सेलुलर से सांद्रक खरीदने का आरोप है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: ED raids premises of Navneet Kalra, others in oxygen concentrator hoarding case

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे