बिहार से दिल्ली तक ईडी के छापे, 'लैंड फॉर जॉब' मामले में लालू के करीबी रडार पर, 15 से ज्यादा ठिकानों पर चल रही तलाशी
By विनीत कुमार | Published: March 10, 2023 12:20 PM2023-03-10T12:20:20+5:302023-03-10T13:26:44+5:30
प्रवर्तन निदेशालय ने लालू यादव और उनके करीबी लोगों से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की है। तेजस्वी यादव के दिल्ली स्थित घर और मीसा भारती के दिल्ली के घर पर भी छापेमारी हुई है।
नई दिल्ली: हाल में राबड़ी देवी और फिर लालू यादव से सीबीआई टीम की 'लैंड फॉर जॉब' घोटाला मामले में पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय भी सक्रिय हो गया है। ईडी की टीम ने शुक्रवार को लालू यादव, उनके परिवार और करीबी लोगो से जुड़े 15 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी की है। यह छापेमारी दिल्ली-एनसीआर सहित बिहार में भी की गई है।
सूत्रों के अनुसार कि दिल्ली में लालू प्रसाद की बेटी मीसा भारती के घर के साथ-साथ बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के घर और बिहार में राजद के नेता और पूर्व विधायक अबू दोजाना के आवास पर भी छापेमारी की गई है। लालू सिंगापुर से इलाज कराकर लौटने के बाद इन दिनों मीसा भारती के ही साथ दिल्ली में रह रहे हैं। सीबीआई टीम ने उनसे घर पर ही करीब तीन घंटे पूछताछ की थी।
15 से ज्यादा जगहों पर हो रही है तलाशी
सूत्रों के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर और बिहार में 15 से ज्यादा जगहों पर ईडी की ओर से छापेमारी की गई है। ईडी की कई टीमों ने इन स्थानों पर एक साथ तलाशी शुरू की। इसमें संदिग्धों के आवासीय और कार्यालय परिसर सहित कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी पाने के लाभार्थी भी शामिल हैं।
ईडी ने मामले में लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई मामले का संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर करने के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत ये तलाशी शुरू की है।
सीबीआई ने इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें भोला यादव शामिल हैं जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहने के दौरान उनके विशेष कार्य अधिकारी थे। इसके अलावा हृदयानंद चौधरी- एक रेलवे कर्मचारी और घोटाले के कथित लाभार्थी और धर्मेंद्र राय एक अन्य कथित लाभार्थी शामिल हैं।
नौकरी के बदले जमीन (लैंड फॉर जॉब) मामले में सीबीआई पहले ही आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है। दिल्ली की विशेष अदालत ने लालू प्रसाद और उनके परिवार के सदस्यों सहित अन्य आरोपियों को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए सम्मन भी जारी किया है।
लैंड फॉर जॉब: क्या है पूरा मामला?
यह मामला लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान उनके परिवार को तोहफे में जमीन दे कर या जमीन बेचने के बदले में रेलवे में कथित तौर पर ‘ग्रुप-डी’ की नौकरी दिए जाने से संबंधित है। ऐसे आरोप हैं कि कुछ लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में स्थित रेलवे के विभिन्न जोन में 2004-2009 के दौरान ग्रुप-डी पदों पर नियुक्त किया गया और इसके बदले में उन लोगों ने या उनके परिवार के सदस्यों ने लालू प्रसाद और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के नाम पर अपनी जमीन दी। बाद में इस कंपनी का स्वामित्व लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने अपने हाथ में ले लिया था।
यह भी आरोप लगाया गया है कि पटना में लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों ने पांच बिक्री सौदों, दो उपहार सौदों के माध्यम से 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लोगों से ली। इसके लिए विक्रेताओं को नगद भुगतान करने को कहा गया। इस जमीन की कीमत वर्तमान ‘सर्किल रेट’ के अनुसार 4.32 करोड़ रुपये है, लेकिन लालू प्रसाद के परिवार को यह जमीन इससे बहुत कम दाम में बेची गई।