नयी दिल्ली, 13 मार्च प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने झारखंड की कंपनी, उसके निदेशकों और उनके परिवार के सदस्यों की 55 करोड़ रुपये मूल्य से अधिक की संपत्ति कुर्क की है। उन पर कई निवेशकों को भूखंड दिलाने का वादा कर उनसे ठगी करने का आरोप है। केंद्रीय जांच एजेंसी ने शनिवार को एक बयान में यह जानकारी दी।
कुर्क की गई संपत्ति में 102 अचल संपत्ति शामिल है।
धन शोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत संजीवनी बिल्डकॉन प्राइवेट लिमिटेड (एसबीपीएल) के खिलाफ यह कार्रवाई की गई।
ईडी के बयान में कहा गया है, ‘‘कुर्क की गई संपत्ति में रांची स्थित 98 अचल संपत्ति, रायपुर में तीन दुकानें और एसबीपीएल, इसके निदेशकों और उनके रिश्तेदार जयंत दयाल नंद, उनकी पत्नी अनिता दयाल नंद, एक और निदेशक श्याम किशोर गुप्ता के अलावा एक अन्य निदेशक प्रकाश प्रसाद लाला की पत्नी रंजना श्रीवास्तव के नाम से सावधि जमा (एफडी) शामिल है।’’
बयान के मुताबिक जांच में यह पाया गया कि एसबीपीएल और इसके निदेशकों ने झारखंड में रहने वाले काफी संख्या में लोगों को गुमराह करने वाले विज्ञापनों के जरिए प्रलोभन देकर उनके साथ कथित ठगी की। उन्होंने निवेशकों से भूखंड एवं निर्मित मकान के लिए चेक/नकद राशि प्राप्त की थी।
ईडी ने आरोप लगाया, ‘‘निदेशकों ने कोष की धोखाधड़ी करने के मकसद से कंपनी के नाम से और अपने नाम से कई बैंक खाते खुलवाए थे। ’’
जांच एजेंसी ने पिछले साल मार्च में गुप्ता को गिरफ्तार किया था और जयंत दयाल नंद के खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। नंद को ईडी ने इस घोटाले का कथित सरगना बताया था।
ईडी ने मामले में एक आरोपपत्र भी दाखिल किया था और अतीत में 3.10 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की थी।
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