लॉकडाउन के दौरान खुद को व्यस्त रखने के लिए ऑनलाइन सुविधा का सहारा ले रहे हैं लोग

By भाषा | Published: April 27, 2020 08:45 PM2020-04-27T20:45:05+5:302020-04-27T20:45:05+5:30

लॉकडाउन के दौरान लखनऊ में लोग स्वयं को व्यस्त रखने के लिए वर्चुअल माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं। पीजी कालेज की शिक्षक डा. सीमा दुबे ने कहा, ''मोबाइल और इंटरनेट क्रान्ति ने कवि सम्मेलनों की दशा और दिशा भी बदली है ।

during lockdown People are resorting to online facility to keep themselves busy | लॉकडाउन के दौरान खुद को व्यस्त रखने के लिए ऑनलाइन सुविधा का सहारा ले रहे हैं लोग

अध्यात्म की गंगा बह रही है, तो कहीं रसोईघर के टिप्स साझा हो रहे हैं और शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। (Photo-social media)

Highlightsलखनऊ में 'डिजिटल इंडिया' मूर्त रूप और नये स्वरूप में सामने आया है जहां लोग स्वयं को व्यस्त रखने के लिए वर्चुअल माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं। शहर में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग या व्हाटसऐप के जरिए कहीं सामूहिक रूप से काम कर रहे है।

लखनऊ :कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लागू किए गए लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 'डिजिटल इंडिया' मूर्त रूप और नये स्वरूप में सामने आया है जहां लोग स्वयं को व्यस्त रखने के लिए वर्चुअल माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं। शहर में बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई के अलावा वीडियो कांफ्रेंसिंग या व्हाटसऐप के जरिए कहीं सामूहिक रूप से रामचरित मानस का पाठ हो रहा है, तो कहीं सब ऑनलाइन एक साथ योग कर रहे हैं ।

कहीं अध्यात्म की गंगा बह रही है, तो कहीं रसोईघर के टिप्स साझा हो रहे हैं और शास्त्रीय नृत्य का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। राजधानी स्थित नव योग फाउण्डेशन के संस्थापक राजीव तिवारी बाबा बंद के दौरान योग का ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं। बाबा ने 'भाषा' से बातचीत में कहा कि वह लोगों को सुबह पांच बजे से मोबाइल ऐप या वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक साथ 'नव योग' का प्रशिक्षण देते हैं।

कथक गुरु उमा त्रिगुणायत ने कहा कि वह बंद की अवधि में छोटे बच्चों को कथक के टिप्स व्हाटसऐप, मोबाइल ऐप और वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए दे रही हैं । उन्होंने कहा, ‘‘यह एक मजेदार अनुभव है, जिसके बारे में हमारे दौर के लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था।’’ कार्बनिक खेती को लेकर तमाम प्रयोग कर रहे और विश्व स्वास्थ्य संगठन की परियोजनाओं पर कार्य कर चुके वैज्ञानिक डा. अटल कुमार शुक्ला और डा. बी बी सिंह ने कहा, ''हम गूगल डुओ और वेबेक्स मीटिंग की मदद से दोपहर में गृहणियों को कार्बनिक मसाले तैयार करने की सलाह नियमित रूप से दे रहे हैं ।

फिलहाल ये सिलसिला जान पहचान वालों तक सीमित है लेकिन नतीजे उत्साहवर्धक हैं ।'' एक पीजी कालेज की शिक्षक डा. सीमा दुबे ने कहा, ''मोबाइल और इंटरनेट क्रान्ति ने कवि सम्मेलनों की दशा और दिशा भी बदली है । प्रयोग के तौर पर ही सही, मित्र मंडली और कई युवा कवि एवं साहित्यकार एक दूसरे से जुड़कर ऑनलाइन कवि सम्मेलन संपन्न कर लेते हैं । बाकायदा एक संचालक होता है और सभी एक-एक कर कविता पाठ करते हैं ।'' डा. सीमा स्नातक और स्नातकोत्तर के छात्र-छात्राओं को व्यक्तिगत रूप से ऑनलाइन पढ़ा भी रही हैं ।

लॉकडाउन के दौरान लोगों में धार्मिक और आध्यात्मिक चेतना जागृत करने में संलग्न डा. अर्चना श्रीवास्तव और 12 अन्य परिवार मिलकर ऑनलाइन रामचरित मानस का पाठ करते हैं। डा. अर्चना ने 'भाषा' से कहा, ''हम रामचरितमानस के पाठ के लिए वीडियो कॉलिंग के जरिए एक दूसरे से जुड़ते और पाठ आरंभ करते हैं। यह दोपहर डेढ़ बजे आरती के साथ समाप्त होता है।’’ उन्होंने बताया कि पाठ संपन्न होने पर सब अपने-अपने घरों में बनाया गया प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस पाठ से सभी में नयी उर्जा का संचार होता है। 

Web Title: during lockdown People are resorting to online facility to keep themselves busy

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