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गोपालगंज में माय समीकरण ध्वस्त होने से राजद हो गई चारों खाने चित्त, तेजस्वी की मामी ने भाजपा को दिला दी खुशी

By एस पी सिन्हा | Updated: November 6, 2022 17:53 IST

आंकड़े बता रहे हैं कि अगर मतों का विभाजन नहीं होता तो परिणाम कुछ और होते। अगर साधु यादव और ओवैसी गोपालगंज में चुनावी फैक्टर नहीं होते तो भाजपा के लिए अपना किला बचा पाना बेहद मुश्किल था।

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ठळक मुद्देअगर साधु यादव और ओवैसी गोपालगंज में चुनावी फैक्टर नहीं होते तो भाजपा के लिए अपना किला बचा पाना बेहद मुश्किल था19वें राउंड में जहां भाजपा और राजद उम्मीदवारों के बीच वोटों का फासला महज 59 वोटों तक सिमट गया था

पटना: बिहार में गोपालगंज विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव को लेकर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह ये बताने के लिए काफी हैं कि यहां राजद उम्मीदवार की हार की बड़ी वजह तेजस्वी यादव के मामा साधु यादव और ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम के उम्मीदवार बने हैं। 

आंकड़े बता रहे हैं कि अगर मतों का विभाजन नहीं होता तो परिणाम कुछ और होते। अगर साधु यादव और ओवैसी गोपालगंज में चुनावी फैक्टर नहीं होते तो भाजपा के लिए अपना किला बचा पाना बेहद मुश्किल था। गोपालगंज में मतगणना के आखिरी दौर में मामला काफी दिलचस्प हो गया था। 

19वें राउंड में जहां भाजपा और राजद उम्मीदवारों के बीच वोटों का फासला महज 59 वोटों तक सिमट गया था। उसके बाद अगले राउंड में राजद ने बढ़त भी हासिल कर ली। आखिरकार अंतिम 24 वें राउंड में जब आंकड़ें जारी किए गये तो भाजपा उम्मीदवार कुसुम देवी को 70053 मिले। जबकि राजद उम्मीदवार मोहन प्रसाद गुप्ता ने 68259 वोट हसिल किए। इस तरह से भाजपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की। 

वहीं, एआईएमआईएम को जहां 12,214 तो बीएसपी 8,854 वोट मिले। इस तरह से तेजस्वी यादव की मामी इंद्राणी देवी ने राजद के कैडर वोट में सेंधमारी की है। इस सेंधमारी को ही राजद उम्मीदवार के हार की बड़ी वजह माना जा रहा है। ऐसे में कहा जा रहा है कि पिछले विधानसभा चुनाव में जो काम चिराग पासवान ने जदयू के साथ किया। वही काम गोपालगंज में ओवैसी और साधु यादव ने राजद के साथ कर दिया। अन्यथा भाजपा के लिए इस बार जीत काफी मुश्किल थी। 

भाजपा विरोधी मतों में विभाजन के कारण भाजपा का यह किला इस बार ध्वस्त होते-होते बच गया। बेहद करीबी मुकाबले में राजद की गोपालगंज में हार हुई है। हालांकि हार जीत का अंतर बेहद कम रहा है। राजद को सबसे बड़ा झटका ओवैसी के उम्मीदवार ने भी दिया है। 

18वें राउंड के बाद थावे के जिस पंचायतों में अल्पसंख्यक मतों का राजद को भरोसा था, वो ओवैशी के खाते में चले गये। राजद इन इलाकों में भाजपा को पीछे तो किया, लेकिन निर्णायक बढ़त नहीं बना पाई। यहां एआईएमआईएम के उम्मीदवार अब्दुल सलाम को 12,214 वोट मिले हैं। इसका सीधा नुकसान राजद को हुआ है। 

जानकार मानते हैं कि साधु यादव ने राजद के ही कैडर वोट में सेंधमारी की है। अगर साधु यादव की पत्नी चुनावी मुकाबले में नहीं होती तो यह वोट राजद के खाते में जाते। 

वहीं राजद के एमवाई समीकरण को भी ओवैसी के उम्मीदवार ने झटका दिया है। इन दोनों उम्मीदवारों को मिला वोट राजद को नुकसान कर गया और इस सेंधमारी को ही राजद उम्मीदवार के हार की बड़ी वजह माना जा रहा है।

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