आतंकियों संग पकड़ा गया राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डीएसपी, संसद हमले में भी आया था नाम

By सुरेश एस डुग्गर | Published: January 13, 2020 05:22 AM2020-01-13T05:22:01+5:302020-01-13T05:22:01+5:30

संवेदनशील श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह को कुलगाम जिले के वानपोह में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू के साथ पकड़ा गया। बाबू पर आरोप है कि पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में दक्षिण कश्मीर में ट्रक ड्राइवरों और मजदूरों सहित 11 गैर-स्थानीय श्रमिकों की हत्या में शामिल था।

DSP conferred with President's Medal caught with terrorists, name also came in Parliament attack | आतंकियों संग पकड़ा गया राष्ट्रपति पदक से सम्मानित डीएसपी, संसद हमले में भी आया था नाम

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsश्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर वाहन में यात्रा कर रहे दो आतंकवादियों के साथ शनिवार को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक से सुशोभित जम्मू-कश्मीर के एक पुलिस अधिकारी को पकड़ा गया है।पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी दिल्ली की ओर जा रहे थे। और किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे।

श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर वाहन में यात्रा कर रहे दो आतंकवादियों के साथ शनिवार को बहादुरी के लिए राष्ट्रपति पदक से सुशोभित जम्मू-कश्मीर के एक पुलिस अधिकारी को पकड़ा गया है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि आतंकवादी दिल्ली की ओर जा रहे थे। और किसी बड़े हमले को अंजाम देने की फिराक में थे।

संवेदनशील श्रीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तैनात पुलिस उपाधीक्षक दविंदर सिंह को कुलगाम जिले के वानपोह में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकवादी नवीद बाबू के साथ पकड़ा गया। बाबू पर आरोप है कि पिछले साल अक्टूबर और नवंबर में दक्षिण कश्मीर में ट्रक ड्राइवरों और मजदूरों सहित 11 गैर-स्थानीय श्रमिकों की हत्या में शामिल था।

मामला ऐसे वक्त सामने आया है जब कुलगाम में चेकिंग के दौरान एक गाड़ी से हिज्बुल मुजाहिदीन के दो आतंकियों को गिरफ्तार किया गया है। खबरों के अनुसार, आतंकियों के साथ उस कार में जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक उपअधीक्षक (डीएसपी) भी मौजूद था। सुरक्षाबलों ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया है।अधिकारियों ने बताया कि डीएसपी आतंकियों को घाटी से बाहर निकालने में मदद कर रहा था। कहा जा रहा है कि डीएसपी की मदद से आतंकी दिल्ली में प्रवेश करने वाले थे। वहीं, दूसरी तरफ डीएसपी के घर पर छापेमारी में 3 एके-47 और  5 ग्रेनेड बरामद हुई हैं। 

इसी हफ्ते मंगलवार को भी पुलवामा जिले के अवंतीपोरा में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में एक आतंकी मारा गया था। मारे गए आतंकी के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद बरामद हुए हैं।

बाद में डीएसपी के श्रीनगर स्थित घर की तलाशी में एक एके-47, दो पिस्टल तथा तीन ग्रेनेड मिले। त्राल में पैतृक घर की भी तलाशी ली गई। बताते हैं कि जम्मू जाने के लिए डीएसपी ने चार दिन की छुट्टी ली थी। गाड़ी से 1.47 लाख रुपये की बरामदगी की भी बात सामने आ रही है। पुलिस पकड़े गए आतंकियों से पूछताछ कर रही है।

गिरफ्तार आतंकियों में लश्कर का शोपियां जिला कमांडर सईद नवीद मुश्ताक उर्फ नवीद बाबू तथा हिजबुल का अल्ताफ आसिफ डार शामिल हैं। नवीद ए प्लस कैटेगरी का आतंकी है। शोपियां के नाजीपोरा निवासी नवीद दो मई, 2014 से संगठन में सक्रिय है।

आतंकी नवीद शोपियां इलाके में कई पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल रहा है। इसके साथ ही अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद सेब की खरीद के लिए बाहरी राज्यों से पहुंचे ट्रक चालकों की शोपियां में हत्या की घटनाओं में भी शामिल था। शोपियां में वह डीएसपी आशिक टाक के वाहन पर हमले में भी शामिल था, जिसमें तीन पीएसओ तथा ड्राइवर की मौत हो गई थी। बटगुंड में तीन अन्य पीएसओ की हत्या में भी वह शामिल रहा था।

दूसरा आतंकी आसिफ भी शोपियां का रहने वाला है। वह मार्च, 2019 से सक्रिय है और सी कैटेगरी का आतंकी है। इनके साथ ही त्राल निवासी डीएसपी देजेंद्र सिंह को भी पक ड़ा गया है, जो श्रीनगर एयरपोर्ट पर एंटी हाइजैकिंग स्कवॉड में तैनात है।

बताते हैं कि पुलिस इन सभी के पीछे पिछले दो-तीन दिनों से लगी हुई थी। डीआईजी दक्षिणी कश्मीर अतुल गोयल पूरे आपरेशन की निगरानी कर रहे थे। तीनों सफेद मारुति कार से दोपहर बाद निकले। इनके पीछे पुलिस भी लगी हुई थी। मीरबाजार इलाके में गाड़ी रोककर तलाशी ली गई, तब सभी पकड़े गए। पुलिस के वरिष्ठ अफसरों ने डीएसपी की संलिप्तता को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है।

वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले में भी डीएसपी देविंदर सिंह का नाम उछला था। अफजल गुरु ने जेल से अपने वकील को लिखे पत्र में डीएसपी देविंदर सिंह का नाम लिया था। पत्र में लिखा गया कि बडगाम के हुमहामा में तैनात डीएसपी ने संसद के हमलावरों में शामिल मोहम्मद को उस पर दिल्ली ले जाने का दबाव बनाया था।

उसे मोहम्मद के लिए किराये पर घर और कार खरीद कर देने को मजबूर किया गया। 9 फरवरी 2013 को अफजल को फांसी दिए जाने के बाद इस पत्र का खुलासा अफजल गुरु के घरवालों ने किया था।

बताते हैं कि गाड़ी में सवार सभी पगड़ी डाले हुए थे ताकि किसी को शक न होने पाए। इनके चंडीगढ़ जाने की बात भी सामने आ रही है। आरोप है कि डीएसपी इन आतंकियों को घाटी से बाहर निकालने की फिराक में था। फिलहाल, पुलिस सारी कड़ियों को जोड़ने की कोशिश में जुटी हुई है।

एयरपोर्ट पर तैनात डीएसपी को गत 15 अगस्त को राष्ट्रपति पुलिस पदक मिला था। आतंकवाद के खिलाफ सफल आपरेशन चलाने के लिए एसओजी में तैनाती के दौरान आउट आफ टर्न प्रमोशन देकर इंस्पेक्टर से डीएसपी बनाया गया।

बाद में फिरौती मांगने की शिकायत पर एसओजी से हटाने के साथ ही निलंबित किया गया था। लेकिन बाद में बहाल कर श्रीनगर पुलिस कंट्रोल रूप में तैनात कर दिया गया। यहां से पिछले साल श्रीनगर एयरपोर्ट पर तैनात किया गया।

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