डीआरडीओ विकसित कर रहा है स्वदेशी एंटी-शिप मिसाइल, जानिए नौसेना के नए 'ब्रह्मास्त्र' की ताकत

By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: November 3, 2023 02:28 PM2023-11-03T14:28:50+5:302023-11-03T14:30:28+5:30

NASM-MR, एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल है। इसकी रेंज लंबी है और इसे शुरुआत में फिक्स्ड-विंग फाइटर जेट्स और मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के लिए हर मौसम में लॉन्च होने वाली, एंटी-शिप मिसाइल के रूप में विकसित किया गया है।

DRDO Naval Anti-ship Missile-Medium range NASM-MR Wind tunnel model test is going to happen soon | डीआरडीओ विकसित कर रहा है स्वदेशी एंटी-शिप मिसाइल, जानिए नौसेना के नए 'ब्रह्मास्त्र' की ताकत

(प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlightsडीआरडीओ द्वारा विसकित की जा रही मिसाइल एक एंटी-शिप मिसाइल हैNASM-MR, एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल हैजल्द ही इसका विंड टनल मॉडल टेस्ट होने वाला है

नई दिल्ली: भारतीय नौसेना को जल्द ही एक ऐसा ब्रह्मास्त्र मिलने वाला है जिसके शष्त्रागार में शामिल होते ही इसकी मारक क्षमता में कई गुना वृद्धि हो जाएगी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) लंबे समय से इस खास हथियारो को विकसित करने पर काम कर है और अब इसके शुरुआती परीक्षण का समय आ गया है। 

डीआरडीओ द्वारा विसकित की जा रही मिसाइल एक एंटी-शिप मिसाइल है। NASM-MR या नेवल एंटी-शिप मिसाइल, मीडियम रेंज की मिसाइल है जो भारतीय नौसेना के लिए विकसित की गई दूसरी स्वदेशी एंटी-शिप क्रूज़ मिसाइल है। 

क्या है इसकी खासियत

NASM-MR, एक हार्पून क्लास एंटी-शिप मिसाइल है। इसकी रेंज लंबी है और इसे शुरुआत में फिक्स्ड-विंग फाइटर जेट्स और मैरीटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट के लिए हर मौसम में लॉन्च होने वाली, एंटी-शिप मिसाइल के रूप में विकसित किया गया है। जल्द ही इसका विंड टनल मॉडल टेस्ट होने वाला है। इसका मॉडल नेशनल एयरोस्पेस लेबोरेटरी में पहुंच चुका है। NASM-MR एक सब-सोनिक क्रूज मिसाइल होगी।

भारतीय नौसेना के ये नया हथियार 150 किलोग्राम का वारहेड अपने साथ ले जाने में सक्षम होगा। इसकी लंबाई 17 से 17 मीटर और वजन 750 किलोग्राम तक होगा। फिलहाल इसे लड़ाकू विमान से दागने के लिए विकसित किया गया है लेकिन आने वाले समय में युद्धपोत से फायर करने वाले वैरियंट को भी विकसित किया जाएगा। यह मिसाइल लगभग 1 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के 300 किलोमीटर दूर खड़े दुश्मन के जहाज पर हमला कर सकती है। इसमें सैटेलाइट गाइडेंस की भी सुविधा है जिसका मतलब है कि यह बीच रास्ते में भी अपना निशाना या रास्ता बदल सकती है। ये खूबी इसे कई गुना खतरनाक बनाती है इसलिए इसे भारतीय नौसेना का ब्रह्मास्त्र कहा जा रहा है।

नौसेना को मजबूत करने के लिए अन्य परियोजनाएं

 भारत ने लगभग 50,000 करोड़ रुपये के अनुमानित 26 राफेल लड़ाकू विमानों के नौसेनिक वर्जन के लिए खरीद की औपचारिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें हथियार, सिम्युलेटर, स्पेयर के साथ 22 सिंगल-सीटर जेट और चार ट्विन-सीटर ट्रेनर शामिल होंगे।  मझगांव डॉक्स (एमडीएल) ने लगभग 30,000 करोड़ रुपये की तीन और स्कॉर्पीन डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बियों के स्वदेशी निर्माण के लिए फ्रांसीसी मेसर्स नेवल ग्रुप के साथ बातचीत भी शुरू कर दी है। भारतीय नौसेना के पास वर्तमान में 132 युद्धपोत, 143 विमान और 130 हेलीकॉप्टर हैं। भारतीय नौसेना ने लगभग 2 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 68 युद्धपोतों और जहाजों के ऑर्डर दिए हैं। नौसेना 2035 तक अपने बेड़े को 175 युद्धपोतों तक बढ़ाने का लक्ष्य लेकर चल रही है।

Web Title: DRDO Naval Anti-ship Missile-Medium range NASM-MR Wind tunnel model test is going to happen soon

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