झूठा निकला राहुल गांधी दावा, जानिए क्या कहता है कोका कोला का इतिहास
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 12, 2018 11:22 AM2018-06-12T11:22:11+5:302018-06-12T11:26:26+5:30
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में एक सम्मेलन में एक ऐसा बयान दिया जिसके बाद से वह सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने बताया है कि कोका-कोला के मालिक पहले शिकंजी बेचते थे।
नई दिल्ली, 12 जून: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में एक सम्मेलन में एक ऐसा बयान दिया जिसके बाद से वह सुर्खियों में आ गए हैं। दरअसल उन्होंने बताया है कि कोका-कोला के मालिक पहले शिकंजी बेचते थे। इस बयान पर सोशल मीडिया पर उन पर जमकर टिप्पणी की गई। राहुल गांधी ने कहा था कि मैं आप लोगों को कुछ उदाहरण देना चाहता हूं।क्या आपने कोका-कोला कंपनी का नाम सुना है?क्या आप बता सकते हैं कि किसने कोका-कोला शुरू किया? वह पानी में चीनी मिलाकर अमेरिका में शिकंजी बेचता था। कोका-कोला कंपनी को किसी शिकंजी बेचने वाले शख़्स ने नहीं, बल्कि अटलांटा के एक फार्मिस्ट जॉन पेम्बर्टन ने शुरू किया था।
जानें कब शुरू हुई कोका कोला कंपनी
कोका कोला कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक अटलांटा में 8 मई 1886 को एक फार्मासिस्ट डॉ. जॉन पेम्बर्टन ने इस पेय पदार्थ की शुरुआत की थी। उस समय इसकी शुरुआत एक खास सीरप के रूप में की गई थी, जिसमें कार्बोनेटेड वाटर मिला होता था। इसका स्वाद थोड़ा अलग था तो धीमें धीमें इसकी लोकप्रियता बढ़ने लगी। पहले लोग इसे सोडा फाउंटेन ड्रिंक के तौर पर लेते थे। दरअसल यह एक ऐसा सिरप था, जिसमें एल्कोहल नहीं था। जैकब फार्मेसी में टेस्टिंग के बाद इस पेय पदार्थ को मंजूरी मिली। कुछ समय बाद डॉ. पेम्बर्टन के साथी फ्रैंक एम रॉबिन्सन ने इस कंपनी को कोका कोला नाम दिया।
शुरू के दिनों नें लोग इसके बारे में ज्यादा जानते नहीं थे इस कारण से इसके विज्ञापन भी अटलांटा जर्नल में प्रकाशित किए गए। इसके शुरुआती दिनों में महज 9 ड्रिंक की हर रोज इसकी बिक पाती थीं। लेकिन धीमें धीमें इसका स्वाद लोगों तक पहुंचा और आज दुनिया भर में यह 1.9 बिलियन ड्रिंक बेचती है। कोका-कोला शुरू होने के तीन साल के अंदर अटलांटा के कारोबारी असा ग्रिग्स सैंडलर की नजर पड़ी तो उन्होंने इसके चमकीले भविष्य का अनुमान लगा लिया। फिर उन्होंने 2,300 डॉलर में कोका कोला बिजनेस के अधिकार हासिल कर लिए। कंपनी का मालिक बनने के बाद सैंडलर ने एक बिजनेस मॉडल स्थापित किया, जिससे कोका-कोला एक ब्रांड बन गया।
राहुल गांधी का दावा निकला झूठा
इससे साफ हो जाता है कि राहुल गांधी ने उदाहारण के तौर पर सोमवार को जो बात कही थी वह झूठी थी। दरअसल कोका काला के मालिक ने कभी भी शिकंजी बेची ही नहीं थी। जिस कारण से सोशल मीडिया पर लोगों ने उनसे झूठ बोलने का तो किसी ने अधूरी जानकारी रखने की बात कही है। वहीं, अपने इस बयान के कारण वह एक बार फिर से लोगों ने नजरों ने चढ़ गए हैं। फिलहाल इस बयान पर कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक सफाई अभी तक नहीं आई है।