विकास का ‘डबल इंजन’ उत्तराखंड को नयी बुलंदियों पर ले जाएगा: प्रधानमंत्री

By भाषा | Published: October 7, 2021 04:50 PM2021-10-07T16:50:30+5:302021-10-07T16:50:30+5:30

'Double engine' of development will take Uttarakhand to new heights: PM | विकास का ‘डबल इंजन’ उत्तराखंड को नयी बुलंदियों पर ले जाएगा: प्रधानमंत्री

विकास का ‘डबल इंजन’ उत्तराखंड को नयी बुलंदियों पर ले जाएगा: प्रधानमंत्री

ऋषिकेष, सात अक्टूबर आगामी विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिशों के तहत बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड की ‘‘नयी टीम’’ को पूरी मदद कर रही है और विकास का ‘‘डबल इंजन’’ इस पहाड़ी राज्य को नयी बुलंदियों पर ले जाएगा।

यहां स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से देश के 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में प्रधानमंत्री नागरिक सहायता और राहत कोष (पीएम केयर्स फंड) से स्थापित 35 प्रेशर स्विंग एडजॉर्प्शन (पीएसए) ऑक्सीजन संयंत्रों को राष्ट्र को समर्पित करने के बाद अपने संबोधन में कहा कि मोदी ने कहा कि छह-सात साल पहले तक सिर्फ कुछ ही राज्यों तक ही एम्स की सुविधा थी लेकिन आज हर राज्य तक एम्स पहुंचाने के लिए काम हो रहा है।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार का यह भी लक्ष्य है कि देश के हर जिले में कम से कम एक चिकित्सा महाविद्यालय जरूर हो।’’

प्रधानमंत्री ने उत्तराखंड की जनता से कहा कि राज्य के गठन के 25 वर्ष जल्द ही होने वाले हैं और तब यह प्रदेश किस ऊंचाई पर होगा, यह तय करने के लिए जुट जाने का यही समय है।

उन्होंने कहा, ‘‘यही समय है, सही समय है। केंद्र में जो सरकार है, वह उत्तराखंड की इस नई टीम को पूरी मदद दे रही है। केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयास यहां के लोगों के सपनों को पूरा करने का बहुत बड़ा आधार हैं। विकास का यही डबल इंजन उत्तराखंड को नई बुलंदी देने वाला है।’’

ज्ञात हो कि अगले साल की शुरुआत में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव होने हैं। इस चुनाव में भाजपा के समक्ष सत्ता बचाने की चुनौती होगी। भाजपा द्वारा हाल ही में दो मुख्यमंत्रियों को बदले जाने के बाद उसे सत्ता से बेदखल करने के लिए कांग्रेस भी जोरशोर से लगी हुई है।

‘‘वन रैंक, वन पेंशन’’, वार मेमोरियल की स्थापना और राज्य में ढांचागत विकास सहित केंद्र सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का जो अभियान चलाया है, उससे भी सैन्यकर्मियों को भी बहुत बड़ी मदद मिलने वाली है।

उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर सरकार के इन सभी प्रयासों का लाभ उत्तराखंड को होगा, यहां के लोगों को भी होगा।’’ ज्ञात हो कि उत्तराखंड में बड़ी संख्या में लोग सेना में काम करते हैं या फिर वहां से सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने से पहले उत्तराखंड के सिर्फ 1.30 लाख घरों में ही नल से जल पहुंचता था। आज उत्तराखंड के 7.10 लाख से ज्यादा घरों में नल से जल पहुंचने लगा है। यानी सिर्फ दो वर्ष के भीतर राज्य के करीब-करीब छह लाख घरों को पानी का कनेक्शन मिला है।’’

उन्होंने कहा कि जैसे उज्ज्वला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन ने महिलाओं को राहत दी, स्वच्छ भारत मिशन के तहत बने शौचालयों ने महिलाओं को सुविधा, सुरक्षा और सम्मान दिया, वैसे ही जल जीवन मिशन से हो रहा पानी का कनेक्शन महिलाओं को बहुत राहत दे रहा है।

उन्होंने कोरोना महामारी के बावजूद देश के स्वास्थ्य ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए किए गए प्रयासों को उल्लेख करते हुए कहा कि कम समय में हुए यह विकास कार्य देश की क्षमता को दर्शाते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘देश के दूर-दराज वाले इलाकों में भी नए वेंटिलेटर्स की सुविधाएं, मेड इन इंडिया कोरोना वैक्सीन का तेजी से और बड़ी मात्रा में निर्माण, दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे तेज़ टीकाकरण अभियान भारत ने जो कर दिखाया है, वो हमारी संकल्पशक्ति, हमारे सेवाभाव, हमारी एकजुटता का प्रतीक है।’’

उन्होंने कहा कि सामान्य दिनों में भारत में एक दिन में 900 मीट्रिक टन, तरल चिकित्सा ऑक्सीजन का उत्पादन होता था लेकिन मांग बढ़ते ही भारत ने इसका उत्पादन 10 गुना से भी ज्यादा बढ़ाया।

उन्होंने कहा, ‘‘यह दुनिया के किसी भी देश के लिए अकल्पनीय लक्ष्य था, लेकिन भारत ने इसे हासिल करके दिखाया। कोरोना से लड़ाई के लिए इतने कम समय में भारत ने जो सुविधाएं तैयार कीं, वो हमारे देश के सामर्थ्य को दिखाता है।’’

उन्होंने कहा कि नये संयंत्रों के साथ ही पीएम केयर्स से कुल 1150 ऑक्सीजन संयंत्र देश के सभी जिलों में काम कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हर भारतवासी के लिए गर्व की बात है कि अब तक कोरोना टीकों की 93 करोड़ खुराक दी जा चुकी है और बहुत जल्द 100 करोड़ के आंकड़े को पार कर लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि आज सरकार इस बात का इंतजार नहीं करती कि नागरिक उसके पास अपनी समस्याएं लेकर आएंगे, तब कोई कदम उठाएंगे।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकारी माइंडसेट (सोचने का ढंग) और सिस्टम (तंत्र) से इस भ्रांति को हम बाहर निकाल रहे हैं। अब सरकार नागरिक के पास जाती है।’’

इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया भी मौजूद थे और उन्होंने देश भर में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की।

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर संवैधानिक पद की जिम्‍मेदारी संभालते हुए अपने 20 साल पूरे करने का भी उल्लेख किया और कहा कि उन्होंने यह उपलब्धि हासिल करने की कभी कल्पना भी नहीं की थी। इन 20 वर्षों के दौरान 13 साल तक वह गुजरात के मुख्‍यमंत्री रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के मुखिया के तौर पर पहले मुख्यमंत्री और फिर देश के लोगों के आशीर्वाद से देश के प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना, इसकी कल्पना मैंने कभी नहीं की थी। 20 वर्ष की यह अखंड यात्रा, आज अपने 21वें वर्ष में प्रवेश कर रही है।’’

प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड का निर्माण पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने किया था और उनका मानना था संपर्क का सीधा कनेक्शन विकास से है।

उन्होंने कहा कि वाजपेयी की प्रेरणा से आज देश में संपर्क का ढ़ांचा विकसित करने के लिए तेज गति और स्तर पर काम हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे संतोष है कि उत्तराखंड की सरकार इस दिशा में गंभीरता से काम कर रही है। बाबा केदार के आशीर्वाद से केदारधाम की भव्यता को और बढ़ाया जा रहा है, वहां श्रद्धालुओं के लिए नई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

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