यूपी: 25 जिलों में नौकरी करने वाली अनामिका मामले में नया खुलासा, बेसिक शिक्षा मंत्री बोले- 6 स्कूलों से हुआ 12 लाख रुपये से अधिक वेतन का भुगतान
By सुमित राय | Published: June 9, 2020 04:48 PM2020-06-09T16:48:16+5:302020-06-09T17:05:19+5:30
यूपी की चर्चित शिक्षिका अनामिका शुक्ला मामले में बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने खुलासा किया है कि अनामिका शुक्ला के नाम पर नियुक्त हुई शिक्षिकाओं को 12,24,700 रुपये का भुगतान हुआ है।
उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में नौकरी करने वाली अनामिका शुक्ला मामले को लेकर राज्य के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीष चंद्र द्विवेदी ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि यह गड़बड़ी शिक्षकों का डेटाबेस बनाते वक्त पकड़ में आई है और अनामिका शुक्ला के दस्तावेज का इस्तेमाल करके आठ अन्य जनपदों के विद्यालयों में अन्य लोगों ने नियुक्तियां हासिल की और उन्हें 12 लाख 24 हजार 700 रुपये का भुगतान हुआ।
बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने मंगलवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि जांच में यह तथ्य सामने आया है कि अनामिका शुक्ला के दस्तावेज का इस्तेमाल करके वाराणसी, अलीगढ़, कासगंज, अमेठी, रायबरेली, प्रयागराज, सहारनपुर और अम्बेडकरनगर में अन्य जगहों पर अन्य लोगों ने नौकरी हासिल की है।
25 जिलों में नौकरी कर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा वेतन का है मामला
गौरतलब है कि प्रदेश के बागपत स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय में तैनात अनामिका शुक्ला नामक शिक्षिका के 25 जिलों के इन विद्यालयों में नौकरी करते हुए 13 महीने में एक करोड़ रुपये से ज्यादा का वेतन उठाने का मामला सामने आया है। इस मामले में पिछले दिनों कासगंज में एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया गया था।
6 विद्यालयों में 12 लाख 24 हजार 700 रुपये का भुगतान
बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि उनमें से किसी ने कहीं पर ज्वाइन नहीं किया, कई जगहों पर नियुक्ति लेकर काम नहीं किया। कुल मिलाकर छह विद्यालयों के माध्यम से अनामिका शुक्ला के दस्तावेज पर नियुक्त हुई शिक्षिकाओं को 12 लाख 24 हजार 700 रुपये का भुगतान हुआ है।
असली अनामिका शुक्ला अब भी पकड़ से बाहर
द्विवेदी ने बताया कि इस मामले की अभी तक की जांच में यह स्थिति आयी है। कहीं और अनामिका शुक्ला के नाम पर नौकरी हासिल किये जाने की जानकारी अभी नहीं मिली है। कासगंज में पुलिस ने एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया है, मगर असल अनामिका शुक्ला अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।
पूरे मामले की गहराई से जांच कराएगी सरकार
मंत्री ने कहा कि सरकार इस पूरे मामले की गहराई से जांच कराएगी और जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने पूरे प्रदेश के 746 कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में लगभग पांच हजार शिक्षिकाओं के दस्तावेजों की जांच के आदेश दे दिये हैं, ताकि कहीं और ऐसा मामला हो तो पकड़ा जा सके।
अब तक 1701 फर्जी शिक्षकों को किया जा चुका है बर्खास्त
मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के प्रति बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर काम किया है। अगर कहीं भ्रष्टाचार का कोई मामला सामने आया तो जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में हुई कुछ फर्जी नियुक्तियों की बात सामने आने पर एसआईटी और एसटीएफ को जांच सौंपी गयी। अब तक 1701 फर्जी शिक्षकों को बर्खास्त किया जा चुका है।
25कस्तूरबा बालिका विद्यालयों में कार्यरत अनामिका शुक्ला का मामला सामने आया है। इस नाम पर नियुक्त हुई शिक्षिकाओं को 12,24,700रु. का भुगतान हुआ है।पुलिस ने कासगंज में त्यागपत्र देने जा रही एक शिक्षिका को गिरफ्तार किया है। असली अनामिका अभी तक पकड़ में नहीं आई हैं:सतीश चंद्र द्विवेदी pic.twitter.com/wOgzzxgOs4
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2020
69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में 11 लोग गिरफ्तार
सतीश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती मामले में एक शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद पुलिस ने लगभग 11 लोगों को गिरफ्तार किया। ये गिरोह पंचम लाल आश्रम उच्चतर माध्यमिक स्कूल प्रयागराज से साठ गांठ कर परीक्षार्थियों की गैर कानूनी ढंग से मदद कर उनसे पैसे की वसूली करता था।
ये पूरा मामला STF को सौंप दिया गया है। परीक्षा केंद्र को भविष्य में होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए डिबार किया जाता है। उसके प्रबंधक और संबंधित स्टाफ जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी: बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी https://t.co/gMrXLii9mF
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 9, 2020
उन्होंने बताया कि ये पूरा मामला एसटीएफ को सौंप दिया गया है। परीक्षा केंद्र को भविष्य में होने वाली किसी भी भर्ती परीक्षा के लिए डिबार किया गया है। उसके प्रबंधक और संबंधित स्टाफ जो भी इसमें शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।