पश्चिम बंगाल हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों की सभी मांगें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मान ली है। कोलकाता के एनआरएस अस्पताल में एक जूनियर डॉक्टर पर हमला और उसे गंभीर रूप से घायल किए जाने की घटना के बाद से डॉक्टर मंगलवार (11 जून) से आंदोलन कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा, हमने डॉक्टरों की सभी मांगें मान ली हैं। मैंने कल और आज अपने मंत्रियों, चीफ सेक्रटरी को डॉक्टरों से मिलने के लिए भेजा था, उन्होंने डॉक्टरों के प्रतिनिधिमंडल से मिलने के लिए 5 घंटे तक इंतजार किया, लेकिन वे नहीं आए। आपको संवैधानिक संस्था को सम्मान देना होगा।
ममता बनर्जी ने कहा, मैं सभी डॉक्टरों से फिर से काम शुरू करने की अपील करती हूं क्योंकि हजारों लोग चिकित्सा उपचार की प्रतीक्षा कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा, राज्य सरकार जल्द से जल्द सामान्य चिकित्सा सेवाएं फिर से शुरू करने के लिए प्रतिबद्ध है। 10 जून की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। हमने लगातार समाधान तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने यह भी कहा है, 'मैं राज्य में एस्मा ऐक्ट लागू नहीं करना चाहती। मैं चाहती हूं कि जूनियर डॉक्टर काम फिर से शुरू करें क्योंकि हमने उनकी सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है।'ममता बनर्जी ने कहा है, हमने एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया। हम कोई पुलिस कार्रवाई नहीं करेंगे। स्वास्थ्य सेवाएं इस तरह जारी नहीं रह सकतीं। मैं कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने जा रही हूं। अच्छे भाव को प्रबल होने दें।'
पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों को पीटने के मामले के बाद देश भर के डॉक्टरों ने हड़ताल की और ममता बनर्जी की सरकार से माफी मांगने की मांग की थी। हड़ताल के कारण सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों तथा कई निजी अस्पतालों में नियमित सेवा प्रभावित हो रही है। शनिवार को एम्स डॉक्टरों ने ममता सरकार को 48 घंटे का अल्टीमेटम दे दिया है।