ओडिशा: सरकारी अस्पतालों से डॉक्टरों के गायब रहने पर हाईकोर्ट सख्त, समिति बनाकर औचक निरीक्षण का आदेश दिया
By विशाल कुमार | Published: November 18, 2021 11:39 AM2021-11-18T11:39:34+5:302021-11-18T11:42:12+5:30
चितरंजन मोहंती ने हाईकोर्ट में कहा था कि जिला स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों जैसे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े डॉक्टर सरकारी संस्थानों में अपनी ड्यूटी पूरी किए बिना निजी क्लिनिक या अस्पतालों में सेवाएं देते हैं.
भुवनेश्वर: सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के ड्यूटी के दौरान गायब रहने पर सख्त रूख अपनाते हुए ओडिशा हाईकोर्ट ने ड्यूटी के दौरान औचक निरीक्षण के लिए समितियों की नियुक्ति कर दी है. ये समितियां जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) की हैं।
द हिंदू की रिपोर्ट के अनुसार, चितरंजन मोहंती ने हाईकोर्ट में कहा था कि जिला स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों जैसे सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े डॉक्टर सरकारी संस्थानों में अपनी ड्यूटी पूरी किए बिना निजी क्लिनिक या अस्पतालों में सेवाएं देते हैं।
उन्होंने बताया कि ओडिशा सरकार के 1 नवंबर, 2003 के आदेश में सरकारी डॉक्टरों को आधिकारिक ड्यूटी पूरी करने के बाद निजी सेवाएं देने की मंजूरी दी गई थी लेकिन इसका राज्य स्वास्थ्य व्यवस्था पर बुरा असर पड़ा है।
इसे गंभीर मामला बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि चार सदस्यों वाली हर डीएलएसए टीम अगले हफ्ते एक जिला स्वास्थ्य केंद्र, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का अलग-अलग समय पर बिना किसी सूचना के दौरा करेगी।
ये डीएलएसए समितियां डॉक्टरों सहित सभी कर्मचारियों की मौजूदगी के साथ विभिन्न सुविधाओं और अस्पताल तक पहुंचने का भी निरीक्षण करेंगी।