डॉक्टर व नर्सों ने मोदी सरकार के निर्देश के खिलाफ काली पट्टी बांधकर किया विरोध, ये है वजह  

By अनुराग आनंद | Published: May 22, 2020 04:54 PM2020-05-22T16:54:52+5:302020-05-22T17:18:33+5:30

गुरुवार को केंद्र सरकार के निर्देश के आधार पर दिल्ली के कई अस्पताल ने नोटिस जारी कर डॉक्टरों को धर्मशाला व होटल खाली करने का आदेश दिया है।

Doctors and nurses ordered to stay at home instead of quarantine center, doctors protest against the directive of Modi government | डॉक्टर व नर्सों ने मोदी सरकार के निर्देश के खिलाफ काली पट्टी बांधकर किया विरोध, ये है वजह  

सांकेतिक तस्वीर

Highlightsआज दिल्ली में डॉक्टर्स फेडरेशन और नर्सेस एसोसिएशन के सदस्यों ने गाइडलाइन के खिलाफ अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। यह विरोध अभी प्रतीकात्मक स्तर पर ही है और डॉक्टर्स और नर्सेस ने रुटीन दिनों की तरह अपना काम किया।

नई दिल्ली: देश भर में तेजी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है। ऐसे समय में नरेंद्र मोदी सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टर व नर्सों को क्वारंटीन करने की कोई जरूरत नहीं है। इस सरकारी नोटिफिकेशन के जारी होने के बाद ही कोरोना मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टरों को होटल या धर्मशाला के बजाय घर में रहने के लिए कहा गया है। 

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक,  गुरुवार को केंद्र सरकार के इस निर्देश के आधार पर दिल्ली के कई अस्पताल ने नोटिस जारी कर डॉक्टरों को धर्मशाला व होटल खाली करने का आदेश दिया है। इस आदेश के खिलाफ डॉक्टरों में भारी गुस्सा है। डॉक्टरों व नर्सों का कहना है कि वह अपनी जान पर खेलकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन, यदि उन्हें घर से अलग धर्मशाला व होटल आदि में क्वारंटीन की सुविधा नहीं दी जाएगी, तो इससे उनके घर वालों में भी इंफेक्शन फैलने का डर रहेगा। यही वजह है कि कोरोना वॉरियर्स ने केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

आज दिल्ली में डॉक्टर्स फेडरेशन और नर्सेस एसोसिएशन के सदस्यों ने गाइडलाइन के खिलाफ अपनी बांह पर काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया। यह विरोध अभी प्रतीकात्मक स्तर पर ही है और डॉक्टर्स और नर्सेस ने रुटीन दिनों की तरह अपना काम किया। केन्द्र सरकार ने बीती 15 मई को यह गाइडलाइंस जारी की थी। इसी के तहत दिल्ली सरकार ने राजधानी के अस्पतालों में यह नियम लागू कर दिया है।
 
बता दें कि कोरोना पॉजिटिव मरीज का इलाज करने वाले या उसके संपर्क में आने वाले मेडिकल स्टाफ को 14 दिन क्वारंटीन रहना पड़ता था। अब केन्द्र सरकार ने यह अनिवार्यता खत्म कर दी है। जिसका डॉक्टर्स और नर्सों द्वारा विरोध किया जा रहा है।

देश में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से वृद्धि हो रही है। ऐसे में कोरोना वॉरियर्स पर ही सारा जिम्मा है। ऐसे समय में कोरोना मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्टरों में ये नराजगी देश के लिए बेहतर नहीं हो सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देशभर में अब तक 118447 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं, जिसमें से 3583 लोगों की मौत हो चुकी है और 48533 लोग ठीक भी हुए हैं। एक व्यक्ति देश से बाहर जा चुका है और अभी भारत में कोरोना वायरस के 66330 एक्टिव केस मौजूद है।

   

Web Title: Doctors and nurses ordered to stay at home instead of quarantine center, doctors protest against the directive of Modi government

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